देहरादून: कुछ पुलिसकर्मियों के वजह से पूरे विभाग की किरकिरी नहीं होने देंगे, ऐसा हम नहीं डीआईजी अरुण मोहन जोशी का एक्शन बोल रहा है। देहरादून और ऋषिकेश से एक-एक वीडियो वायरल हुआ था। दोनों ही वीडियो में मित्र पुलिस के नाम से पूरे भारत में विख्यात उत्तराखंड पुलिस के जवान अभद्रता कर रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद मामला डीआईजी अरुण मोहन जोशी के पास पहुंचा तो उन्होंने दोनों मामलों में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। डीआईजी ने दोनों मामलों की जांच के आदेश कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। सीओ पल्लवी त्यागी ने बताया कि डीआइजी की ओर से तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसलिए पहले पीडि़त के बयान दर्ज किए जाएंगे, इसके बाद दारोगा से बातचीत की जाएगी। दोनों पक्षों से बातचीत के बाद रिपोर्ट डीआइजी को सौंपी जाएगी।
जानकारी के अनुसार डीआईजी अरुण मोहन जोशी को शिकायतकर्ता कैलाश डोभाल ने उन्हें एक वीडियो भेजा। वीडियो में पुलिस टीम बाइक सवार का चालान काट रही थी। इस वीडियो में नेहरू कालोनी थाने के दरोगा देवेंद्र गुप्ता बाइक सवार से गाली-गलौज और अभद्रता कर रहे हैं। बाइक सवार के साथ उनके परिवार के तीन अन्य सदस्य भी थे। वहीं ऋषिकेश से सामने आए मामले में कांस्टेबल संजय सेजवाल और कांस्टेबल नीरज ने मास्क नहीं पहनने पर एक युवक की पिटाई कर डाली।
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वीडियो में दूसरा युवक बता रहा था कि पीडित बीमार है लेकिन पुलिसकर्मियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। इतना ही नहीं उन्होंने वीडियो बना रहे युवक के साथ भी अभद्रता की। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने अभद्रता व मारपीट करने के दो अलग-अलग मामलों में एक दरोगा और दो सिपाहियों को सस्पेंड किया है। डीआईजी ने सभी पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वह जनता के साथ शालीनता से पेश आए। अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। दोनों मामलों में जांच आदेश दे दिए गए हैं। आरोप सही पाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी
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गुरुवार को डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने एसपी सिटी व देहात, सीओ और थानाध्यक्षों के साथ बैठक की। डीआइजी ने कहा कि पुलिसकर्मी की अभद्रता पर केवल संबंधित पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि घटना के लिए क्षेत्र के सीओ और थानाध्यक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। पुलिस लाइन में आयोजित बैठक में डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने सीओ को फटकार लगाई और कहा कि अब ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। यदि ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो संबंधित कर्मचारी के अलावा थानाध्यक्ष पर भी कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान डीआइजी ने कहा कि जनता के साथ दुर्व्यवहार किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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