
Viral Post: सफलता सिर्फ किस्मत का खेल नहीं होती, ये दिनेश की कहानी ने साबित कर दिया है। कभी खेतों में मजदूरी करने वाले मां-बाप का बेटा आज एक सफल इंजीनियरिंग मैनेजर है। दिनेश ने अपने करियर की शुरुआत 5,000 महीने की सैलरी से की थी, लेकिन आज वह उसी आईटी कंपनी में सालाना 48 लाख रुपये का पैकेज पा रहे हैं। यह सिर्फ एक करियर जर्नी नहीं..बल्कि संघर्ष, मां के त्याग और न हार मानने वाले जज़्बे की मिसाल है।
गांव से बेंगलुरु तक की प्रेरणादायक कहानी
दिनेश का जन्म कर्नाटक के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके माता-पिता गरीब किसान थे और खेतों में मजदूरी करके परिवार पालते थे। जब दिनेश सिर्फ 7 साल के थे, तब उनके माता-पिता उन्हें और उनके भाई को गांव में छोड़कर बेंगलुरु चले गए। वहां उनकी मां ने दिनभर घरों में काम किया और शाम को सिलाई की नौकरी कर ली। उनका एक ही सपना था…बेटों को अच्छी शिक्षा देना।
पढ़ाई के लिए किया संघर्ष
पैसों की तंगी के बावजूद दिनेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने 10वीं के बाद सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला लिया, क्योंकि वहां हॉस्टल मुफ्त था। दिनेश ने कॉलेज में टॉप किया और फिर भाई के सहयोग से बी.टेक भी पूरा किया। पढ़ाई के दौरान उन्होंने कभी परिस्थितियों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।
5000 से 48 लाख तक का सफर
इंजीनियरिंग के बाद दिनेश को पहली नौकरी 5,000 की सैलरी पर मिली। लेकिन उन्होंने काम को सीढ़ी बनाया और खुद को लगातार स्किल्स में बेहतर करते रहे। कुछ ही सालों में मेहनत रंग लाई और वह उसी कंपनी में इंजीनियरिंग मैनेजर बन गए।
मां का त्याग, दिनेश की प्रेरणा
आज दिनेश ने अपने गांव में 5 एकड़ जमीन खरीदी है और कार भी ली है। पर वह कहते हैं कि असली संपत्ति उनकी मां की तपस्या और उनका विश्वास है। मां ने जैसे-जैसे खुद को मिटाया…वैसे-वैसे दिनेश ने खुद को निखारा।
ये कहानी बताती है कि जब इरादे मजबूत हों और मां का आशीर्वाद साथ हो…तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।






