पिथौरागढ़: धरती पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टर कई सारे लोगों की जान बचाते हैं। कई बार डॉक्टर के हाथों करिश्मे भी होते हैं। इस बार पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां पर एक बुजुर्ग महिला को परिजन मृत मान चुके थे। लेकिन चिकित्सकों की टीम ने महिला को नया जीवन दिया है।
दरअसल ग्राम चहज के रहने वाले प्रकाश चंद्र जोशी बीते रोज अपनी पत्नी उषा जोशी के साथ 75 वर्षीय मां बसंती देवी को गंभीर हालत में लेकर जिला अस्पताल आए थे। उन्होंने अस्पताल में बताया था कि उनकी मां को 20 दिन से शरीर में सूजन और सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। लेकिन जब डॉक्टरों ने इमरजेंसी में ले जाकर महिला का उपचार शुरू किया तो उनकी मां की सांसे रुक गईं।
इसके बाद मौके पर कोहराम मच गया। महिला को मृत समझकर परिजनों ने अपने रिश्तेदारों को फोन कर इसकी जानकारी दे दी और अस्पताल के बाहर फूट फूट कर रोने लगे। लेकिन आपातकालीन कक्ष में ईएमओ डॉक्टर रोहित ग्रोवर, फार्मेसिस्ट गोपाल सिंह बिष्ट, कक्ष सहायक कमल शर्मा मौजूद थे। उन्होंने हार नहीं मानी और महिला को सीपीआर दिया। काफी अथक प्रयासों के बाद महिला की सांसे वापस लौट आईं।
महिला की सांसे वापस लौटी तो उन्हें वार्ड में इलाज के लिए भर्ती किया गया। अब उनका उपचार जारी है। यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग बोल रहे हैं कि डॉक्टरों ने चमत्कार किया है। बेटे प्रकाश चंद्र जोशी ने जानकारी दी और बताया कि डॉक्टरों ने उनकी मां को सीपीआर देकर एक नया जीवन दिया है। उन्होंने टीम की खूब तारीफ की है।