
Uttarakhand: Double Lane: Purnagiri: चंपावत जिले में पूर्णागिरि मां के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को आने वाले दिनों में बेहतर अनुभव मिलने के आसार हैं। ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक रोड को डबल लेन बनाने की कवायत शुरू हो गई है। वन विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के लिए एनओसी देने के साथ ही 670 पेड़ों का छपान कर दिया है, जल्दी पेड़ों का पातन शुरू होगा।
बता दें कि पूर्णागिरि धाम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। चैत्र नवरात्रि के साथ शुरू होने वाले तीन माह के मेले पर पूरे उत्तराखंड की नजर रहती है, जहां पर सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए उत्तराखंड पुलिस भी तैनात रहती है।
टनकपुर से पूर्णागिरी धाम की दूरी 23 किलोमीटर है। श्रद्धालुओं का पहला पड़ाव ठुलीगाड़ होता है, जहां से उन्हें 6 किलोमीटर की दूरी वाहनों से तय कर भैरव मंदिर तक पहुंचना होता है। इसके अलावा कई यात्री ठुलीगाड़ से ही पैदल पूर्णागिरी मंदिर तक भी पहुंचते हैं।
ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक की रोड बेहद संकरी हैं। इसके चलते यहां जाम की समस्या भी रहती है। कई बार बारिश के वक्त मानसून के चलते मलवा भी मुख्य मार्ग पर आ जाता है। वैसे 1990 में ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक रोड को डबल लाइन बनाने की कवायत शुरू कर दी गई थी। इसके लिए भारत सरकार की सैद्धांतिक संस्तुति मिल चुकी थी लेकिन कभी बजट न होना है तो कभी वन भूमि हस्तांतरण की समस्या के चलते यह मामला आगे नहीं बढ़ पाया। अब मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व पर लोक निर्माण विभाग और वन विभाग ने तत्वरित कार्रवाई करते हुए सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है।
सड़क के चौड़े होने से जाम की समस्या भी हल होगी तो उसके अलावा देश-विदेश से पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव भी मिलेगा। बता दें कि साल 2022 में पूर्णागिरि पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 35 लाख 60 हजार थी तो वहीं 2023 में आंकड़ा 24 लाख 94 हजार तो 2024 में यह संख्या 20 लाख 90 हजार रही तो वही 2025 तक अब तक 20 लाख 94 हजार श्रद्धालु पूर्णागिरि धाम पहुंच चुके हैं।






