श्रीनगर गढ़वाल: अपने शौक और पेशे के बीच में सफल बैलेंस बनाना बहुत मुश्किल काम है। इसे अधिकांश लोग नहीं कर पाते। इसीलिए या फिर तो वह अपने पेशे से दूर चले जाते हैं या फिर उन्हें अपने सपनों को छोड़ना पड़ता है। मगर श्रीनगर के सरकारी अस्पताल में सेवारत एक डॉक्टर ने अपने कैरियर और सपने के बीच तालमेल बनाकर मिसाल पेश की है। डॉ धीरज ने अब मिस्टर वर्ल्ड प्रतियोगिता में छठा स्थान हासिल किया है।
रुड़की के रहने वाले डॉ धीरज कुमार श्रीनगर के सरकारी अस्पताल में सेवारत हैं। एक तरफ उनका पेशा है कि वह डॉक्टर है और मरीजों की सेवा करते हैं मगर दूसरी तरफ उनका सपना है बॉडीबिल्डिंग पिछले कई महीनों से मिस्टर वर्ल्ड प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे डॉ धीरज ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डॉ धीरज ने मिस्टर वर्ल्ड प्रतियोगिता में छठा स्थान पाया है।
बता दें कि दिल्ली में हुई इस प्रतियोगिता में अमेरिका, इटली, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, कोरिया और साउथ अफ्रीका समेत अन्य देशों के कुल 480 एथलीट प्रतिभाग करने पहुंचे थे। प्रतियोगिता के जज देश-विदेश के प्रसिद्ध बॉडीबिल्डर थे। डॉ धीरज का कहना है कि प्रतियोगिता बेहद मुश्किल थी। मगर उन्होंने हार ना मानते हुए ये बड़ी उपलब्धि अपने और प्रदेश के नाम की है।
बता दें कि डॉ धीरज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के निवासी हैं। उनका परिवार रुड़की में रहता है। उनकी शुरुआती पढ़ाई जरूर उत्तर प्रदेश से हुई है, मगर उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उन्होंने इसके बाद श्वास रोग में फेलोशिप की और अब बॉडी बिल्डिंग का सपना धीरज को इस मुकाम तक लाया है