हल्द्वानी: वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर हल्द्वानी मुखानी स्थित मनसा क्लीनिक की मनोवैज्ञानिक डॉक्टर नेहा शर्मा का कहना है कि आजकल समाज में आए दिन होने वाले व्यवहार नशा मनौवृत्ति, व्यक्तित्व विकार या व्यवहरागत की समस्याओं सबसे ज्यादा 16 से 20 साल के युवाओं में दिखाई देती हैं।
उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर मनोवैज्ञानिक सामाजिक समस्या है जो कि प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। बचपन से युवावस्था में जाने पर शारीरिक मानसिक बदलाव होते हैं जिस पर युवा नियंत्रण नहीं रख पाते हैं । इस तरह की व्यवहारगत समस्याएं उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। डॉक्टर नेहा शर्मा ने इस विषय कुछ मनोवैज्ञानिक सुझाव दिए।
- उनका कहना है कि बच्चों को उनकी क्षमता के बाहर कोई आदेश व निर्देश नहीं करें।
- बच्चों से ऐसे कार्य न कराए जो कि उनके प्रतिकूल ना हो।
- बच्चों में प्रतियोगी भावना विकसित करे।
- बच्चों को उत्साही बनाए ।
- बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाए।
- बच्चों को ्स्कूली जीवन के अलावा और क्रिया कलाओं में व्यवस्थ रखे।
- बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दें। उनको भावनात्मक रूप से समझे।
- बच्चों की अतिरिक्त शक्ति, प्रतिभा व योग्यता का सही उपयोग करें।
- बच्चों को टीवी, मोबाइल का ज्यादा प्रयोग ना करने दे।
- बच्चों को सोशल मीडिया से ज्यादा वास्तविक दुनिया के बारे में परिचय दें।