
DM Savin Bansal got poor children admitted to hostel
देहरादून: कभी हालात से हार जाने की कगार पर खड़ी चंदुल की जिंदगी में अब उम्मीद की नई किरण जगी है। बीते 21 जुलाई को आयोजित जनता दर्शन में चंदुल ने जिलाधिकारी सविन बंसल के सामने अपनी दर्द भरी दास्तान रखी थी। उन्होंने बताया कि उनके तीन बेटे राहुल कुमार (कक्षा 7), विकास (कक्षा 5) और आकाश (कक्षा 3) सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। पति का पैर कटा हुआ है और वो कमाने के काबिल नहीं हैं। चंदुल खुद भी बीमार रहती हैं और पांव में सूजन के चलते बर्तन मांजने जैसे काम भी मुश्किल हो जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा डर यही था कि कहीं बच्चों की पढ़ाई बीच में न रुक जाए।
डीएम सविन बंसल ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया और जिला प्रशासन की टीम को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। प्रशासन की सक्रियता से अब चंदुल के बड़े बेटे राहुल कुमार का दाखिला नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास जस्सोवाला विकासनगर में करवा दिया गया है। वहीं विकास और आकाश का दाखिला नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास कौलागढ़ में कराया गया है।
चंदुल की आंखों में अब राहत के आंसू हैं। आर्थिक तंगी और बीमारी के बावजूद वह अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर अच्छा भविष्य देना चाहती थी। जिला प्रशासन की मदद से अब उसके बच्चों की पढ़ाई का सपना पूरा होता नजर आ रहा है।
जिला प्रशासन की इस मानवीय पहल ने एक असहाय परिवार की जिंदगी में फिर से मुस्कुराहट लौटा दी है। चंदुल के लिए यह मदद किसी संजीवनी से कम नहीं है और उनके बच्चों के लिए यह एक नई शुरुआत है।






