गोंडा: बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2024 की सहायक अध्यापक भर्ती के तहत फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए नौकरी पाने वाले आठ शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इनकी नियुक्ति जुलाई 2024 में हुई थी, लेकिन सत्यापन प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने के बाद कार्रवाई की गई।

फर्जीवाड़ा का खुलासा
नियुक्ति के बाद सभी शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों और निवास पते का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया। इस दौरान जिन पते पर उन्होंने अपना निवास बताया था, वहां संबंधित व्यक्ति के मौजूद न होने की पुष्टि हुई। इससे यह संदेह और गहरा गया कि उनके अन्य दस्तावेज़ भी कूटरचित हो सकते हैं। विभागीय जांच में यह सामने आया कि कई शिक्षक बिना किसी सूचना के स्कूल से गायब रहने लगे। जब विभाग ने उन्हें नोटिस भेजने की कोशिश की तो गलत पते के कारण नोटिस वापस लौट आए।
नियत प्रक्रिया का पालन
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि संदिग्ध शिक्षकों को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस रिपोर्ट में भी इनके पते फर्जी पाए गए। इसके बाद विभाग ने विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए इनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया।
बर्खास्त किए गए शिक्षक
बर्खास्त शिक्षकों में शामिल हैं:
अरुण सागर (कंपोजिट विद्यालय लोहंगपुर, डीह परसपुर)
रमाकांत श्रीवास्तव (प्राथमिक विद्यालय कंदरा, इटियाथोक)
हर्ष सिंह (कंपोजिट विद्यालय बनकटी अर्जुन सिंह, मुजेहना)
भारत रतन सोनकर (प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर कला, कर्नलगंज)
संजय कुमार (प्राथमिक विद्यालय मुंगरैल, मुजेहना)
इसके अलावा, नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के बावजूद कार्यभार ग्रहण न करने वाले संजय कुमार संखवार, संतोष कुमार और अखिल राज आनंद की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं।
वेतन नहीं मिला था
गनीमत रही कि विभाग के पटल सहायक नीरज तिवारी की सतर्कता के कारण इन शिक्षकों को एक भी वेतन भुगतान नहीं किया गया था।
सख्त संदेश
यह कार्रवाई बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश मानी जा रही है कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही या धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
