ऋषिकेश: प्रदेश में अस्पतालों में सुविधाओं और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। मगर फिर भी कुछ मामले सामने आते हैं, जिसमें सरकारी अस्पतालों पर सवाल खड़े होते हैं। इस बार ऋषिकेश से दुखद खबर सामने आई है। राजकीय चिकित्सालय में एक 8 वर्षीय बच्ची की इमरजेंसी वार्ड के बाहर मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही से बेटी की मौत हुई है।
ऋषिकेश चंद्रेश्वर नगर गली नंबर 19 के रहने वाले राजकुमार ने बताया कि मंगलवार को उनकी 8 वर्षीय पुत्री निधि को उल्टी हो रही थी। जिसके बाद उनकी पत्नी सीमा बच्ची को लेकर राजकीय चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड में पहुंची। वहां कुछ दवाइयां दी गई। साथ ही सुबह बाल रोग चिकित्सक को दिखाने की नसीहत भी दी गई।
पीड़ित ने बताया कि वह सुबह टाइम पर चिकित्सालय पहुंच गए थे। इसके बाद आधा घंटा लाइन में भी खड़े रहे। चिकित्सक के कहने पर बेटी को आपातकालीन सेवा में ले जाकर भर्ती कराया तो उपचार शुरू करते ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टर सागर भट्ट ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ खुद इमरजेंसी वार्ड में आए थे। लेकिन उपचार शुरू करते ही बच्ची की मौत हो गई।
बच्ची के परिजनों ने बीती रात उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रात में ही विशेषज्ञ डॉक्टर आ गए होते तो आज उनकी बच्ची बच जाती। बच्ची के पिता ने पुलिस में तहरीर भी सौंपी है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि नियम अनुसार जांच कराई जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके चंदोला का भी यही कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।