Haldwani:- बिजली विभाग की तरफ से बिजली बिल को ले कर कई शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। इन शिकायतों में मुख्यत अधिक बिल भेजने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला हल्द्वानी के लामाचैड़ क्षेत्र में देखने को मिला है जहां बिजली विभाग ने उपभोक्ता को दो महीने का कुल 22 हजार रुपये का बिल थमा दिया।इस मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि विभाग ने सिर्फ काल्पनिक रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ता को बिल भेज दिया। उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए विभाग को पुराने बिल को निरस्त करके 165 यूनिट का बिल जारी करने के लिए कहा है।
बता दिया जाए कि लामाचौड़ की बचीनगर निवासी बीना पांडे ने शिकायती पत्र देते हुए कहा था कि उनका दो माह का बिल लगभग 900 रुपये तक आता था लेकिन जुलाई में विभाग ने उन्हें 22 हजार 981 रुपये का बिल थमा दिया। जब उन्होंने इस मामले पर आपत्ति जताई तो विभाग द्वारा मीटर की स्क्रीन खराब होने की बात कहकर नया मीटर लगाया गया और पुराना जांच के लिए लैब भेज दिया गया। इसके बाद उन्होंने कमलुवागांजा कार्यालय में इस महंगे बिल को लेकर बात की तो वे बात टालने लगे। विभाग की कारिस्तानी तब भी कम ना हुई और वो बिल बढ़ता चला गया। यही नहीं भुगतान के लिए विभाग परिवार पर दबाव भी डालने लगा।
इस मामले की सुनवाई 12 अक्तूबर को हुई, जहां विभाग ने बताया कि स्क्रीन खराब होने के कारण मीटर का एमआरआई नहीं करवाया जा सकता। जब बिल कार्य से जुड़ी कंपनी मीटर से बिल जारी करने के लिए खींची गई फोटो पेश नहीं कर पाई तो पता चला कि विभाग ने काल्पनिक मीटर रीडिंग जारी कर के बिल बना दिया था। इस सुनवाई के बाद उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने पिछले तीन बिल के औसत पर 165 यूनिट के आधार पर बिल जारी करने का आदेश दिया। इस के साथ ही मंच ने विपक्षी को चेतावनी दी कि वे सीलिंग प्रमाण पत्र के आधार पर वास्तविक डाटा ही कंज्यूमर सिस्टम में दर्ज करें। साथ ही अधिकारियों को भी नियम के अनुसार कार्य करने के आदेश दिए।