देहरादून: उत्तराखंड में फिलहाल बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई। आम जनता के लिए यह राहत भरी खबर है। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने दरों को बढ़ाने के संबंध में नियामक आयोग में याचिका दायर की थी और इसे खारिज कर दिया गया है। यूपीएल ने कहा था कि बिजली की डिमांड ज्यादा है और उसे महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।
यूपीसीएल ने मई माह में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर की थी। यूपीसीएल की ओर से कहा गया था कि बिजली की भारी मांग और कम उपलब्धता की वजह से महंगे दामों पर बिजली खरीदनी पड़ ही है। यूपीसीएल ने कहा था कि अप्रैल से सितंबर की अवधि में 922 करोड़ रुपये होंगे। वह एडिशनल एनर्जी चार्ज के रूप में यह वसूली करने का प्लान बना रहा था। बिजली दरों में बढ़ोतरी की याचिका रद्द होने के बाद अब यूपीसीएल प्रबंधन ने पुनर्विचार याचिका की तैयारी शुरू कर दी है।
आयोग के सचिव नीरज सती ने कहा कि याचिका इस वजह से खारिज कर दी गई है क्योंकि एक अप्रैल से प्रदेश में बिजली दरों का नया टैरिफ जारी किया गया था। निगम ने जो याचिका दायर की थी, उसमें ऐसा मजबूत आधार नहीं था कि बिजली की दरों को बढ़ाया जाए।
इस आधार पर आयोग ने इस याचिका को खारिज कर दिया। यूपीसीएल द्वारा बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट, डोमेस्टिक उपभोक्ताओं के लिए करीब 50 पैसे प्रति यूनिट और उद्योग व कामर्शियल उपभोक्ताओं के लिए 75 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी की मांग की गई थी।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के कटौती मुक्त आपूर्ति, चारधाम यात्रा, उद्योगों में कटौती होने पर जीएसटी के नुकसान और बेरोजगारी से बचाव के चलते ही बढ़ोतरी की याचिका दायर की गई थी। अब वह आयोग में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे।