देहरादून: देवभूमि और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। दोनों ही प्रदेशों में राजनैतिक दल जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के प्लान बना रहे हैं। खींचातानी का दौर जोर पकड़ता जा रहा है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने की खबरों ने चर्चाओं को बढ़ा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी उत्तर प्रदेश चुनावों में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। इसके कयास तभी से लगाए जा रहे हैं जब पिछले महीने त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अचानक से दिल्ली का दौरा किया था। वहां पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा व गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
कयास तब भी यही थे कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को यूपी में जिम्मेदारी मिल सकती है। ऐसे में अब फिर से मंगलवार को उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से दिल्ली में बात की है। इससे पहले सोमवार को त्रिवेंद्र ने लखनऊ जाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कुछ अन्य पार्टी नेताओं से भेंट की। अभी गृह मंत्री अमित शाह से भी त्रिवेंद्र रावत की मुलाकात होनी है।
लाजमी है कि बीती मार्च में त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड के सीएम की कुर्सी से हटना पड़ा था। चार साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हो गया। मगर इसका असर त्रिवेंद्र सिंह रावत की सक्रियता पर बिल्कुल नहीं पड़ा। पूरे राज्य के भ्रमण के अलावा वह तमाम कार्यक्रमों में शिरकत करते रहे।
तभी से ये माना जा रहा है कि पार्टी भविष्य में उनकी सांगठनिक क्षमता का इस्तेमाल करने की रणनीति पर चल रही है। हो ना हो बहुत जल्द कोई बड़ी घोषणा होने जा रही है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने तुक्के मारना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोई जिम्मेदारी दे सकती है। गौरतलब है कि त्रिवेंद्र उत्तर प्रदेश में पहले चुनाव सहप्रभारी रह चुके हैं।