बागेश्वर: जिले के जंगल में आग लगने से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। फरवरी के पहले हफ्ते में ही द्यांगण और बहूली के जंगल में भयंकर आग लग गई। आग गांव की ओर पहुंचने की आशंका बनी हुई थी, जिससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। बता दें कि यह समय जंगलों के फायर वर्निंग का होता है। ग्रामीणों को आग की जब भनक लगी तो फायर कर्मचारियों को रात में फोन कर बुलाया गया। फायर बिग्रेड ने बिटिंग मैथड से आग पर काबू पाया।
जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वन पंचायत सरपंच पूरन सिंह रावल ने कहा कि वनों को बचाने के लिए सार्थक प्रयास नहीं हो सके हैं। वन्यजीव को खतरा पैदा हो हरा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और वन संपदा भी खाक हो रही है। उन्होंने कहा कि वन विभाग स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास करने होगे।
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बता दें कि इस बार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते जंगलों में पिरूल जमकर जमा हुआ है। जिसके कारण वन धधकने लगे हैं। बीती मंगलवार की रात द्यांगण और बहूली के जंगल में भयंकर आग लग गई। इस दौरान यह आग गांव की तरफ फैलने की आशंका देख स्थानीय लोगों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलने पर रेंजर मनीष कुमार ने वन कर्मियों को फोन पर घटना स्थल पहुंचने के निर्देश दिए। जिसके बाद बड़ी मशक्कत कर फायर के जवानों ने बिटिंग मैथड से जंगल की आग बुझाई। आग बुझाने वाली टीम में नवीन जोशी, चंद्र राम, भारत सिंह, विनोद मेहरा, सुशील कुमार आदि शामिल थे।
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