हल्द्वानी: बीते दिनों सीनियर चयनकर्ता व उत्तर प्रदेश के पूर्व कप्तान रिजवान शमशाद हल्द्वानी पहुंचे और युवा प्रतिभाओं से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रिकेट का हब है। यहाँ पर क्रिकेट की प्रतिभाओं की कोई कमी नही है। एक से बढ़कर एक युवा खिलाड़ी यहाँ अपना प्रदर्शन दिखा रहा है। इन सभी युवाओं को प्लेटफॉर्म देने का करना है। रिजवान शमशाद ने 1989 से 2006 उत्तरप्रदेश क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया।
इसके साथ ही उन्होंने दिलीप ट्राफी/देवधर ट्राफी में उत्तरप्रदेश की कप्तानी की है। वह इंडिया A, चैलेंजर ट्राफी,बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन, वेस्ट ट्रॉफी का भी हिस्सा रहे। प्रथम श्रेणी के 108 मैच में 167 पारी में 14 बार नॉट आउट रहते हुऐ 45.86 की औसत से 19 शतक व 37 अर्धशतक के साथ 7018 रन बनाये, जबकि वनडे मैचों 69 मैच में 6 बार नॉट आउट रहते हुऐ 1 शतक के 10 अर्धशतक के साथ 1834 रन बनाये
अपने करियर को लेकर उन्होंने कहा कि राजस्थान के खिलाफ रणजी मैच 224 रनों की पारी मेरे लिए यादगार है। इसके साथ ही रणजी/दिलीप ट्रॉफी मैच में तीन-तीन लगातार शतक मेरे लिये महत्वपूर्ण रहे है। अपने नैनीताल और रामनगर के युवा अवस्था के दौर 1987-1988 में अलीगढ़ की टीम के साथ नैनीताल के मैदान में लगातार दो साल तक मैच की यादें साझा की,साथ ही रामनगर में दिल्ली के रहमान क्लब की और से 1990 की वो यादे जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लिए ना खेलने का मलाल अभी भी है। इस मौके पर जिला नैनीताल क्रिकेट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष कमल पपनै ,किशन अनेरिया मौजूद थे।