देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता हरीश रावत आज कल अपनी ही पार्टी से नाराज नजर आ रहे हैं। वह इन दिनों इस नाराजगी को कभी मंच से, तो कभी सोशल मीडिया के जरिए बयां कर रहे है। एक बार फिर उन्होंने अपनी पीड़ा को ट्विटर हैंडल के जरिए लोगों के सामने रखा, इस बार जिंदाबाद न बुलवाए जाने पर उनका दर्द छलक आया।
जिसमें रावत ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े कर दिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘कांग्रेस ने मुझे सामूहिकता के लायक नहीं समझा’। रावत के अनुसार यह उसी दिन साफ हो गया था जिस दिन पार्टी के मंच से संगठन महामंत्री ने पार्टी के नेताओं की जय बुलवाई और नए बने राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को मंच से जिंदाबाद बुलवाने लायक नहीं समझा गया।
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बता दें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी इस पोस्ट में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का फिर जिक्र किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि प्रदेश में जगह-जगह जन आंदोलन हो रहे हैं। कांग्रेस को उन जनसंघर्षों के साथ जोड़ने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश वहां पहुंचें और शामिल लोगों का मनोबल बढ़ाएं।
रावत ने खुद से युवाओं के लिए सीट छोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें युवा हाथों में बागडोर देने के लिए उत्सुक होना चाहिए। पार्टी के भविष्य के लिए जनरेशन चेंज को प्रोत्साहित करना,पार्टी की सेवा है। मैं,अपने को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूं, ताकि अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी यह सिलसिला आगे बढ़ सके।
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