हरिद्वार: कहा जाता है कि लड़के भाग्य से होते हैं तो लड़कियां सौभाग्य से होती हैं। संतान लड़का होगी या लड़का, ये तो ऊपरवाला तय करता है। मगर लड़की हो जाए तो लोगों को लड़के की चेष्टा कुछ ज्यादा ही होने लग जाती है। कई बारी मजबूरियां तो कई बार दिमाग की शैतानी गलत काम भी करवा देती है। उत्तराखंड में सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में एक महिला ने बच्चों के भरण पोषण में असमर्थ होने के चलते तीन महीने के बेटे को आठ लाख में बेचने का सौदा कर दिया। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपितों को हिरासत में ले लिया है।
एसएसपी अजय सिंह ने मामले में पूरी जानकारी दी और बताया कि राजविहार कॉलोनी के एक घर में मासूम की खरीद फरोख्त की सूचना मिलने पर पुलिस ने छापा मारकर दो महिलाओं और दो पुरुषों को पकड़ा है। हरिद्वार की राजा गार्डन निवासी हर्षी को गिरफ्तार किया है, जिसने बताया कि उसके भाई महावीर की शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं, उसकी एक बेटी है।
उसने बताया कि भाई-भाभी एक लड़का चाहते थे। ऐसे में उसके परिचय में अन्नू नाम की महिला ने अपनी तलाकशुदा भतीजी मोनिका के तीन माह के बेटे को बेचने की बात कही। सभी राजी भी हो गए मगर इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने तीन माह के बेटे को बेच रही आरोपित हिमाचल प्रदेश की सिरमौर जिले की निवासी मोनिका, उसके पिता पिंटू और खरीदार देहरादून निवासी महादेव को भी पकड़ लिया है।
बताया जा रहा है कि आरोपित पिता पिंटू और पुत्री मोनिका मूल रूप से तो हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं मगर हाल में हरिद्वार में किराये पर रह रहे थे। पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है। कनखल थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ की मानें तो मोनिका की शादी हैं और जिस बेटे को वह बेच रही थी, वह दूसरे पति की संतान है। उसका कहना है कि वह भरण पोषण में समर्थ नहीं है। मोनिका और उसके पिता 11 लाख की मांग करने लगे थे। इसी विवाद के बाद पुलिस वहां पहुंच गई।