देहरादून: राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में मिनी बसों को बड़ी राहत मिली है। दरअसल एसटीए ने पहाड़ी रूटों पर चार पहियों वाली मिनी बसों को मंजूरी दे दी है। अब 15 से 25 सीटर बसों के पर्वतीय और चारधाम मार्ग पर चलने के लिए छह टायर होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। जिससे मिनी बस संचालकों को खासा राहत मिली है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद से ही पर्वतीय रूटों पर केवल छह टायर वाली बसों को ही चलने की अनुमति है। जिस वजह से टेंपो, ट्रैवलर व मिनी बसों के संचालकों को पहाड़ोों का परमिट नहीं मिलता था। वहीं दूसरे राज्यों की ऐसी गाड़ियों को कोई रोक टोक नहीं होती। बाहर की ऐसी गाड़ियां आराम से चारधाम यात्रा के लिए आती हैं।
शनिवार को एसटीए की बैठक में इन्हीं मांगों के मद्देनजर चर्चा की गई। एसटीए को यह बताया गया कि राज्य में विभिन्न वाहन निर्माता कंपनियों के 15 सीटर से अधिक सीट वाले वाहन हैं। इन्हें आल इंडिया परमिट भी दिया जा रहा है। कहा गया चूंकि अब चार टायर वाले ऐसे वहान भी सुरक्षा के लिहाज से बेहतर हैं इसलिए इन्हें परमिशन दी जा सकती है।
जिसके बाद प्राधिकरण ने सिंगल टायर मिनी बसों को पर्वतीय मार्गों पर चलने की मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि ऐसे वाहन संचालकों को अब काफी राहत मिलेगी। अब वह अपनी गाड़ियों को उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भी चला सकेंगे। साथ ही यात्रियों को भी एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मिनी बसों के संचालित होने से साधन बढ़ जाएंगे।