
पति को खोया, हौसला नहीं – सेना में अफसर बनीं सोनी बिष्ट
एक महीने में बदली जिंदगी
शादी के सिर्फ एक महीने बाद ही सोनी बिष्ट के पति, सिपाही नीरज सिंह भंडारी, का एक दुर्घटना में निधन हो गया। यह क्षण उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल देने वाला था, लेकिन उन्होंने अपने दुख को अपनी ताकत बना लिया।
पति का सपना पूरा करने की ठानी
18 कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात नीरज का सपना था कि वह देश की सेवा करें। सोनी ने उनके अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प लिया और भारतीय सेना की वर्दी पहनने का निश्चय किया। उनके पिता, रिटायर्ड सूबेदार कुंदन सिंह, ने इस राह पर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
OTA पासिंग आउट परेड में बनीं अफसर
शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) में आयोजित पासिंग आउट परेड में सोनी बिष्ट बतौर अफसर शामिल हुईं। अब वे आर्मी ऑर्डनेंस कॉर्प्स में अपनी सेवाएं देंगी।
सिर्फ सोनी ही नहीं, कई युवा बने सेना का हिस्सा
OTA की इस परेड में 133 पुरुष और 24 महिला कैडेट्स को सेना में कमीशन मिला। इसके अलावा, पांच मित्र देशों के विदेशी कैडेट्स ने भी अपना प्रशिक्षण पूरा किया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सैन्य संबंध और मजबूत हुए।
प्रतिभाशाली कैडेट्स हुए सम्मानित
परेड की समीक्षा लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन पी मैथ्यू ने की। उन्होंने मान्या एम कुमार को “स्वॉर्ड ऑफ ऑनर”, प्रगति ठाकुर को गोल्ड मेडल, मान्या एम कुमार को सिल्वर मेडल, और सुरजीत यादव को ब्रॉन्ज मेडल प्रदान किया।
देश सेवा की ली शपथ
परेड के बाद हुए पिपिंग समारोह में युवा अधिकारियों ने देश के प्रति ईमानदारी और निस्वार्थ सेवा की शपथ ली। सोनी बिष्ट ने खुद को एक विधवा नहीं, बल्कि एक योद्धा साबित कर दिया, जो अब देश की रक्षा में अपना योगदान देंगी। नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर की सोनी बिष्ट के साहस को हर कोई सलाम कर रहा है। सोनी मूलत ग्राम दारर्सिंग पट्टी नाकुरी जिला बागेश्वर की रहने वाली है। दादा स्वर्गीय हरक सिंह बिष्ट सेना थे। पिता कुंदन सिंह बिष्ट 13 गॉर्डस रजिमेंट से सुबेदार रिटायर्ड हैं।
उन्होंने एनएसजी, राष्ट्रीय रायफल जैसे सफल ऑपरेशन में भाग लिया। ताऊ हीरा सिंह बिष्ट एमबी इंटर कालेज हल्द्वानी में वरिष्ठ प्रवक्ता पूर्व में एनसीसी अधिकारी भी रहे हैं। ताऊ पान सिंह बिष्ट सेना में सेवारत हैं। दूसरे ताऊ त्रिलोक सिंह बिष्ट सेना से रिटायर्ड हैं।






