देहरादून: बेटे और बेटियां समान हैं। उनमें कोई भी अंतर नहीं। इस बात का एक और उदाहरण रविवार को एनडीए की परीक्षा में देखने को मिला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उक्त परीक्षा में लड़कियों को भी मौका देने के निर्देश के बाद पहली बार बेटियों ने परीक्षा दी। इसमें कोई दोराय नहीं कि बेटों की तरह ही बेटियां भी देश की रक्षा करना चाहती हैं।
काफी लंबे समय से बेटियां चाहती थी कि उन्हें भी एनडीए परीक्षा में बैठने का मौका मिले। ताकि वह भी देश सेवा कर सकें। इसी कड़ी में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को बेटियों के लिए खोल दिया था। बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी ने रविवार को एनडीए परीक्षा का आयोजन किया।
शनल डिफेंस एकेडमी एवं नेवल एकेडमी (एनडीए-एनए) और कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) के लिए प्रवेश परीक्षा में बेटियों ने काफी संख्या में भाग लिया। कई जगहों पर देखा गया कि बेटियां इसे लेकर खासा उत्साहित थीं। हालांकि प्रवेश परीक्षा के दौरान कोविड गाइडलाइन का गंभीरता के साथ पालन किया गया। सभी परीक्षार्थियों को मास्क के साथ परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया।
एडीएम वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने जानकारी दी और बताया कि एनडीए की प्रवेश परीक्षा दो पालियों में हुई। जिले के 57 केंद्रों पर कुल 13,861 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। जबकि सीडीएस की परीक्षा तीन पालियों में हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकतर स्थानों पर परीक्षार्थियों के अभिभावक भी परीक्षा के लिए उत्साहित दिखे।
देहरादून के आंकड़े
एनडीए – 57 केंद्रों पर कुल 13,861 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। पहली पाली में 9,771 ने परीक्षा दी और 4,090 अनुपस्थित रहे। दूसरी पाली में 9,589 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे और 4,272 ने परीक्षा छोड़ दी।
सीडीएस – परीक्षा तीन पालियों में हुई। पहली पाली में 9,154 में से 6,033 और दूसरी पाली में 6,014 ने परीक्षा दी। तीसरी पाली में 4,178 अभ्यर्थियों में से 2,747 ने परीक्षा दी।