देहरादून: बेटियां भी अब भारतीय सेना में अपनी सेवा देंगी। वह राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में इस सत्र से प्रवेश ले पाएंगी। देहरादून में स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज (आरआइएमसी) इस साल अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। इसे यादगार बनाने के लिए कॉलेज ने एक बड़ा फैसला किया है जो पूरे देश में एक उदाहरण पेश करता है।
आरआईएमसी में जुलाई 2022 से छात्रों के साथ छात्राएं भी शिक्षा ग्रहण करेंगी। पहले इस कॉलेज में केवल छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता था। बता दें कि राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में प्रवेश हेतु साल में दो बार परीक्षा का आयोजन होता है। इस परीक्षा में पास होने वालों को ही प्रवेश मिलता है। परीक्षाएं हर साल जून और दिसंबर में आयोजित होती है।
अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को कक्षा आठ में प्रवेश मिलता था। उप्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के लिए दो-दो सीटें तय हैं, जबकि उत्तराखंड को एक सीट मिलती है। इसी क्रम में अब उक्त 25 सीट के अलावा पांच छात्राओं को भी आरआइएमसी में दाखिला मिलेगा। जुलाई में आने वाले नए बैच में छात्राएं भी शामिल होंगी।
इससे पहले 1992 में टेस्ट के रूप में संस्थान के ही एक फैकल्टी की बेटी स्वर्णिमा थपलियाल को आरआईएमसी में प्रवेश मिला था। आरआइएमसी से पासआउट वह पहली महिला अधिकारी थीं। वैसे भी भारतीय सेना में महिलाएं चिकित्सक, शिक्षा, कानून, सिग्नल, इंजीनियरिंग सहि तमाम क्षेत्रों में सेवा दे रही हैं। उनके इसी परिश्रम का फल है कि वह अब देश के विख्यात आर्मी कॉलेज में भी दाखिला पा पाएंगी।