
देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अब गोल्डन कार्ड धारकों की सुविधा के लिए एक व्यापक मास्टर पैकेज तैयार कर रहा है। इस पैकेज में कुल 426 चिकित्सा सुविधाओं को शामिल किया जाएगा…ताकि सरकारी कार्मिकों और पेंशनरों को उनके अंशदान के अनुसार मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी और बेहतर इलाज मिल सके।
प्रदेश में गोल्डन कार्ड योजना को लेकर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों में असंतोष देखा जा रहा है। उनका कहना है कि कई सूचीबद्ध अस्पताल गोल्डन कार्ड धारकों का इलाज करने में अड़चनें पैदा कर रहे हैं और योजना के तहत उन्हें पूरा इलाज नहीं मिल पा रहा है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एसजीएचएस मास्टर पैकेज का ड्राफ्ट शासन को भेज दिया है…जिसकी स्वीकृति अभी बाकी है।
स्वास्थ्य प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारकों का इलाज बाधित हो रहा है, उनसे बातचीत कर उपचार की सुविधा सुनिश्चित कराई जाएगी। साथ ही वित्तीय दबाव को देखते हुए इस योजना को हाईब्रिड मोड पर लाने पर भी विचार किया जा रहा है..जिससे योजना के संचालन में सुधार हो सके।
उत्तराखंड सेवानिवृत्त कार्मिक समन्वय समिति की ओर से सचिव स्वास्थ्य डॉ. राजेश कुमार के साथ हाल ही में हुई बैठक में सचिव ने कार्मिकों और पेंशनरों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों का समय से भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। साथ ही, उन पेंशनरों को भी योजना में दोबारा शामिल करने पर विचार चल रहा है…जिन्होंने शुरुआत में इसमें शामिल होने से इनकार किया था।
सरकार लगातार बढ़ते वित्तीय भार को कम करने के लिए इस योजना को हाईब्रिड मोड पर संचालित करने की तैयारी में है…ताकि कार्मिकों और पेंशनरों को बेहतर और सहज इलाज की सुविधा दी जा सके।






