DPS लामाचौड़ हमेशा ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं व्यक्तित्व निर्माण के प्रति समर्पित रहा है।यह विद्यालय एक सफल मार्गदर्शक के रूप में छात्र -छात्राओं को एक बेहतर परिवेश प्रदान करता आ रहा है।संस्कृति का संरक्षण हो या फिर खास दिनों को याद करना विद्यालय छात्रों को निरंतर बेहतर सीखने का रचनात्मक माहौल देता आ रहा है।शनिवार को एक बार फिर लामाचौड स्थित D.P.S विद्यालय में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य पर विद्यालय में विविध प्रकार की सह-पाठ्यक्रम गतिविधियोंका आयोजन किया गया था ।भिन्न-भिन्न प्रकार की रचनात्मक व जागरूकता पूर्णगतिविधियों द्वारा विद्यार्थियों ने पर्यावरणीय सुरक्षा के महत्व को गहराई से जाना।
DPS के छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी कला के जरिए प्रकृति के बड़े-बड़े महत्वों को प्रर्दशित किया।कक्षा तीन के छात्रों ने चित्रकारी कर तथा कक्षा चार के छात्रों ने विभिन्न प्रकार के पत्तों को चिपका कर प्रकृति का बेहद खूबसूरत साक्षात्कार किया।कक्षा पांच के छात्रों ने हैण्ड प्रिंट पेंटिंग व कक्षा छ: के छात्रों ने विभिन्न प्रकार के अनाजों व दालों को चिपका कर पृथ्वी को प्राकृतिक रूप से संजोने का प्रयास किया। तो वहीं सीनीयर बच्चों ने भी अपनी कला से प्रकृति की अनूठी छटा का अवलोकन किया। इस कोशिश में कक्षा सात के विद्यार्थियों ने अखबार व पत्तों द्वारा अनोखे तरीकों से अपनी रचना को पेश किया।तो कक्षा आठ के विद्यार्थियों ने मिटटी की रूपरेखा का कार्टून चित्रण कर रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ-साथ धरती के ज्ञान का विवरण परिचय भी दिया।
इस मौके पर DPS विद्यालय के प्रबंधक श्री तुषार उपाध्याय जी ने पर्यावरण संरक्षण व पृथ्वी की सुरक्षा के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि पृथ्वी की सुरक्षा हम सब का दायित्व है ।हमसभी को अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण अनुकूल आदतें अपनानी चाहिए । विद्यालय के प्रधानाचार्य के दिशा-निर्देश में सभी सुनियोजित गतिविधियों का संचालन हुआ |इस मौके पर DPS लामाचौड़ के समस्त शिक्षको का प्रभावी योगदान रहा।