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हल्द्वानी प्रकाश डेंटल टिप्स: दांतों से जुड़ी कई परेशानी का इलाज है कॉस्मेटिक फिलिंग


हल्द्वानी: अच्छी पर्सनालिटी के लिए दांतों का अच्छा होना भी जरूरी होता है। मौजूदा वक्त में भागदौड़ के बढ़ने से लोग अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। वहीं खाने के बाद कुल्ला नहीं करने से और रात को सोने से पहले ब्रश नहीं करने से दांतों की समस्या सामने आती है। मौजूदा वक्त में करीब 75 प्रतिशत से ज्यादा लोग अपने दांत के इलाज के लिए दंत चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। दांतों में होने वाली सड़न अब बच्चों में भी देखने को मिल रही है। दांत पर अगर कीड़ा लग गया है तो उसे बचाने के लिए सबसे पहले फिलिंग की जाती है, जिसे दंत चिकित्सक की भाषा में कॉस्मेटिक फिलिंग कहते है।

कॉस्मेटिक फिलिंग के बारे में हल्द्वानी प्रकाश डेंटल क्लीनिक के डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया कि इस विधि का का इस्तेमाल केवल सड़े हुए दांतों के लिए हीं नही बल्कि दांत के स्पेस को कम करने, टेड़े-मेड़े दांतो को ठीक करने के लिए व फैक्चर दांतों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

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कैसे होती है फिलिंग

इसके लिए सबसे पहले दांत को इच (ETCH) किया जाता है उसके बाद सड़न को बाहर निकालकर उसमें सिल्वर व अमलगम (कम्पोजिट) भरा जाता है। अधिकतर केस में कम्पोजिट का इस्तेमाल ही होता है क्योकि उसका रंग दांत जैसा होता है। फिलिंग के भी कई प्रकार होते है।

  1.  अस्थायी फिलिंग ( Temporary Filling ) : जब दांतों में थोड़ी कैविटी बन जाएँ, दांतों में बार बार दर्द होता रहे और दांतों की सेंसिटिविटी बंद हो जाएँ तो आप अस्थायी फिलिंग करा सकते है।
  2. सिल्वर फिलिंग ( Silver Filling ) : अक्सर ये फिलिंग तब की जाती है जब दांतों में कीड़ा लग जाए या दांतों में कोई गड्डा बन जाएँ। इस अवस्था में सबसे पहले उस कीड़े को बाहर निकाला जाता है फिर टिन,कॉपर और सिल्वर को मरकरी में मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है और उसे दांतों में भरा जाता है।
  3. कम्पोजिट फिलिंग ( Composite Filling ) : इस फीलिंग की ख़ास बात ये होती है कि इसका मिश्रण इस तरह तैयार किया जाता है कि वो दांतों की तरह दिखें और इसीलिए इस फिलिंग को Tooth Colored Filling या Cosmetic फिलिंग भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत कैविटी को काटकर की जाती है, उसके बाद दांतों की सतह को खुरदरा किया जाता है जिसके लिए फ़ास्फ़रोस एसिड का इस्तेमाल होता है। दांतों को खुरदरा करने के दो कारण है, पहला ये मिश्रण और दांतों के बीच घर्षण बनाता है जिससे मिश्रण अलग नहीं होता दूसरा इससे दांतों का एरिया बढ़ता है।

हल्द्वानी प्रकाश डेंटल क्लीनिक के डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने कहा कि भले ही दांत ठीक करने के लिए कई उपचार मौजूद है लेकिन लोगों को अपने कुदरती दांतों को बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुबह और रात को सोने से पहले ठीक तरह से ब्रश करना चाहिए। वहीं खानपान पर भी ध्यान रखना चाहिए।

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