हल्द्वानी: फतेहपुर रेंज के जंगल में पिछले कुछ महीनों से बाघ की दहशत फैली हुई है। दिसंबर अंत से लेकर अब तक बाघ छह लोगों को अपना निशाना बना चुका है। हाल ही में एक और महिला की मौत के बाद लोगों में काफी आक्रोश बढ़ गया। जिसके बाद बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे मारने के आदेश दिए गए। लेकिन अब बाघ को नहीं मारा जाएगा।
बाघ के आदमखोर घोषित होने के बावजूद अब उसे मारने की बजाय पहले ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की जाएगी। जानकारी के अनुसार बाघ पर गोली चलाना सबसे अंतिम विकल्प रखा गया है। यही कारण है कि बाघ का शिकार करने आए वरिष्ठ शिकारी आशीष दास गुप्ता समेत और शिकारी वापस लौट गए।
यह भी बताया जा रहा है कि बाघ कैमरे में देखा भी गया है। लेकिन अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। इस मामले में डीएफओ रामनगर सीएस जोशी ने जानकारी दी और बताया कि बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए बाहर से एक्सपर्ट्स की टीम बुलाई गई है। इन लोगों को जंगल में इस तरह के अभियान चलाने का खासा अनुभव है।
गौरतलब है कि आदमखोर बाघ ने हाल ही में 3 दिन के अंदर 2 महिलाओं को अपना शिकार बनाया था। जिसके बाद वन विभाग को बाघ को आदमखोर घोषित करना ही पड़ा। माना जा रहा है कि एनटीसीए की गाइडलाइन को मुख्य वजह मानकर फिलहाल उसे ट्रेंकुलाइज करने की ही कोशिश की जाएगी।