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मुंह से बदबू आना मतलब बड़ी बीमारी को बुलावा, पढ़िए हल्द्वानी के डॉ. रुद्राक्ष पंत की खास टिप्स


हल्द्वानी: समस्याओं को तुरंत रोक लिया जाए तो बेहतर होता है वरना ये भयानक रूप भी ले सकती हैं। आम दंत समस्याओं (Normal dental problems) को बिना ज्यादा जद्दोजहद के रोका जा सकता है। अपनी दिनचर्या के हिसाब से अपने दांतों व मसूड़ों आदि का ख्याल रखना लाजमी है। नियमित रूप से जांच और डॉक्टर (Routine checkups is important) द्वारा दिए जा रहे टिप्स का ध्यान रखना जरूरी है। हल्द्वानी मैक्सफेस क्लीनिक (Haldwani maxface clinic) के दंत चिकित्सक रुद्राक्ष पंत मानते हैं कि आज के समय में दंत समस्याओं के लिहाज से शिक्षा का अभाव है। उन्होंने आम समस्याओं को लेकर अपने टिप्स भी साझा किए हैं।

सांसों की बदबू

सांसों की दुर्गंध, या मुंह से दुर्गंध आना, शर्मनाक हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 85% लोगों में लगातार दुर्गंध वाले लोगों में दांतों की स्थिति को दोष दिया जाता है। हल्द्वानी लालडांठ गौरा कांपलेक्स (Laldanth gaura complex maxface clinic) स्थित मैक्सफेस क्लीनिक का संचालन डॉ. रुद्राक्ष पंत और डॉ. मनिका रावत द्वारा किया जाता है। सांसों की बदबू के बारे में डॉ. रुद्राक्ष बताते हैं कि सांसों की लगातार बदबू का कारण मसूड़े का रोग, दांत की सड़न- कैविटी, मौखिक कैंसर, शुष्क मुँह व जीभ पर बैक्टीरिया हो सकते हैं। उन्होंने कहा माउथवॉश केवल इन समस्याओं के कारण होने वाली गंध को छुपाता है।

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दांत की सड़न

दांतों की सड़न यानी कैविटी की बात करें तो भोजन के शर्करा और/या स्टार्च के साथ मिलने के बात होती है। दरअसल इसका संयोजन एसिड पैदा करता है जो दांत तामचीनी पर हमला करता है। डॉ. रुद्राक्ष पंत (Dr. Rudraksh Pant) बताते हैं कि आप दिन में दो बार ब्रश करें, रोजाना फ्लॉसिंग करें और नियमित रूप से दांतों की जांच करवाएं तो कैविटी से बच सकते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी सलाह दी कि स्वस्थ भोजन खाएं और उच्च चीनी वाले स्नैक्स और पेय से बचें।

मसूड़े (पीरियडोंटल) रोग

मसूड़ों की बीमारी आपको परेशान कर सकती है। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो मसूड़े की बीमारी और हृदय की समस्याओं के बीच एक कड़ी भी साफ नजर आती है। 30 साल की उम्र के बाद मसूड़ों का खतरा ज्यादा रहता है। इसमें धूम्रपान एक महत्वपूर्ण जोखिम (Smoking can be dangerous for suck problems) कारक है। डॉ. रुद्राक्ष पंत के अनुसार सांसों की बदबू, संवेदनशील दांत, चबाते समय दर्द या मसूड़ों से खून बहना इसके मुख्य लक्षण हैं। मसूड़े की बीमारी का तकनीकी नाम मसूड़े की सूजन है। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से दांतों की जांच, ब्रश करना और फ्लॉसिंग से इन्हें रोका जा सकता है।

गौरतलब है कि सांसों की दुर्गंध, दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी आम समस्याएं हैं। जिन्हें ब्रश करने और फ्लॉसिंग करने और नियमित रूप से दांतों की जांच करने से बचा जा सकता है। मैक्सफेस क्लीनिक में लगभग वो सभी मशीनें या उपकरण मौजूद हैं, जिनसे मरीज को आराम मिल सकता है। क्लीनिक में आधुनिक मशीनों के साथ जांच की जाती हैं। किसी भी अधिक जानकारी के लिए 093890 69611 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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