हल्द्वानी: शहर को पहचान देने वाली रानीबाग स्थित एचएमटी फैक्ट्री अब केवल यादों में रह गई है। शुक्रवार रात फैक्ट्री को बंद कर दिया गया है। एचएमटी की हालात पिछले कई सालों से खराब चल रही थी। काम करने वालों को कई महीनों से वेतन भी नही मिला था।
बता दें कि साल 2007 में केंद्रीय आर्थिक मामलों की कमेटी ने एचएमटी फैक्ट्री को बंद करने के लिए मोहर लगा दी थी। इस फैसले के बाद सालों से कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा था। मौजूदा वक्त में एचएमटी में 143 कर्मचारी काम करते थे। एचएमटी के बंद होने से इन परिवारों पर संकट आ गया है।
खबरों की मानें तो एचएमटी के कर्मचारियों के पिछले 2 सालों ( 1 जनवरी 2016 से) वेतन नहीं दिया गया है लेकिन उन्हें हर महीने पेस्लिप दी जाती थी। इसके अलावा कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमैट्रिक मशीन में उनका रिकॉर्ड भी दर्ज होता था। कर्मचारी अपने वेतन का इंजतार कर रहे थे लेकिन फैक्ट्री में ताला लगने से उनपर आर्थिक संकट आ गया है।
इसके अलावा ये भी सामने आया है कि वेतन ना मिलने से 3 कर्मचारियों का इलाज नहीं हो पाया और उनकी मृत्यु हो गई। फैक्ट्री बंद करने के आदेश के बाद कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय का सामने भी अपनी बात रखी थी लेकिन शुक्रवार रात कर्मचारियों को सूचित के बिना फैक्टी पर ताला जड़ दिया गया। इस मामले पर कर्मचारियों ने डीआईजी को शिकायत पत्र दिया है। पत्र में प्रबंधक एमआरवी राजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।