हल्द्वानी: कोरोना वायरस ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को हिलाकर रख दिया है। लोगों को इलाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर भटकना पड़ रहा है। इस मुश्किल वक्त में सैकड़ों लोग मदद के लिए आगे आए हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो चंद रुपयों के लिए इंसानियत को शर्मसार कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं इन दिनों हो रही कालाबाजारी की।
पुलिस लगातार लोगों को पकड़ रही है लेकिन इसके बाद भी सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन फ्लोमीटर और कोरोना टेस्ट के बाद पुलिस ने एंबुलेंस चालक की चोरी पकड़ी है। एक एंबुलेंस चालक को एसओजी की टीम ने हल्द्वानी से उस समय गिरफ्तार किया जब वह मुखानी क्षेत्र से गौलापार क्षेत्र को जाने के लिए प्रशासन द्वारा निर्धारित रुपए से करीब 1200 अधिक रुपए मांग रहा था। एसओजी की इस कार्यवाही से क्षेत्र के एंबुलेंस संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
कोरोना काल में जिला प्रशासन मुनाफाखोरी,जमाखोरी तथा ऐसे अन्य गतिविधियों को नियंत्रण करने के लिए पूरे जनपद में अभियान चलाए हुया हैं। एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी भी लगातार जनपद की गतिविधियों में लिप्त लोगों पर नकेल कसने में लगी हुई हैं। उन्हें कई दिनों से लगातार सूचनाएं मिल रही थी कि कुछ एंबुलेंस चालक प्रशासन द्वारा तय रेटों से ज्यादा किराया ले रहे हैं। ऐसी ही सूचनाओं को पुख्ता करने का जिम्मा उन्होंने एसओजी प्रभारी सुधीर कुमार को सौंपा।
जिस पर एसओजी की टीम ने सूचनाओं के आधार पर सेंट्रल हस्पिटल के बाहर अपना प्लान बनाया। यहां आजादनगर के लाइन नंबर 5 निवासी शाहरूख खान अपनी एंबुलेंस लेकर खड़ा था। उसके पास एसओजी के जवान मरीज का तीमारदार बनकर गया। उसने बताया कि गौलापार शव लेकर जाना है। इस पर शाहरूख ने उससे दो हजार रुपये किराया देने के लिए कहा।
जबकि गौलापार का किराया प्रशासन ने 800 रूपये तय किया है। एसओजी के जवान ने शाहरूख को दो हजार रुपये दिए। इसी बीच एसओजी की बाकी टीम वहां पहुंच गई और एंबुलेंस चालक शाहरूख को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने कहा है कि मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस का अभियान आगे भी पूरे जनपद में जारी रहेगा।