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क्वालिटी एजुकेशन के लिए परफेक्ट पसंद है हल्द्वानी का शैमफॉर्ड स्कूल


हल्द्वानी: शिक्षा और कामयाबी का रास्ता स्कूल नाम के मंदिर से होते हुए गुजरता है। बदलते वक्त के साथ शिक्षा प्रणाली बदली जरूर है लेकिन उसका रूप स्मार्ट हो गया है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि आधुनिक वस्तु और डिजिटल दुनिया के आने से छात्रों में आगे बढ़ने की उत्सुकता बढ़ गई है।

इसने स्कूल की शिक्षा प्रणाली को काफी चुनौती दी है। हल्द्वानी मोतीनगर स्थित शैमफॉर्ड स्कूल की स्मार्ट शिक्षा प्रणाली अभिभावकों के जुबान पर है। केवल तीन साल में शैमफॉर्ड स्कूल ने शहर के स्मार्ट स्कूलों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है। स्कूल में पढ़ाई, खेल और एक्ट्रा गतिविधियों पर खास ध्यान दिया जाता है। बता दें कि शैमफॉर्ड स्कूल की कई यूनिट विदेशों में भी है। शैमफॉर्ड में  टेक्नोलॉजी बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम्स के साथ डिजिटल मैथ लैब, अत्याधुनिक क्लास रूम व ऑनलाइन असेसमेंट के जरिए छात्रों को अध्यय़न कराया जाता है।

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शैमफॉर्ड विजन फॉर चिल्ड्रन्स

चेयरमेन दयासागर बिष्ट का कहना है आज का समय स्मार्ट छात्रों से भरा हुआ है। बच्चों को सही रास्ता दिखाने के लिए स्मार्ट टीचिंग जरूरी है। हमारी कोशिश यही है कि छात्रों को बिना दवाब के अध्ययन कराया जाए। किसी भी बच्चे के भविष्य निर्माण की मजबूत नींव रखने के लिए माता-पिता की परवरिश, संस्कारों के साथ ही स्कूल का भी बेहद अहम योगदान होता है। बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के लिए अभिभावक अपना पूरा जीवन लगा देते है।

स्कूल में एनसीआऱटी और सीबीएसई बेस्ड सिलेबस है। स्कूल में प्रधानाचार्य पद पर  सी.के.अमोला हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र भी खेल की तरह है। जहां अध्यापक छात्रों को पढ़ाने के लिए तैयारी करता है। उन्होंने कहा कि रोज एक लक्ष्य का चयन कर उसे पूरा किया जाए तो कामयाबी ज्यादा वक्त तक पीछे नहीं रहती है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट टीचिंग से छात्र को सिखने में आसानी होती है।उन्होंने कहा कि शैमफॉर्ड शुरू से ही अभिभावकों के साथ मिलकर छात्रों के भविष्य का निर्माण कर रहा है। हमारी कामयाबी के पीछे छात्रों का स्मार्ट होना ही है। उन्होंने कहा कि स्कूल की कामयाबी छात्रों की मेहनत का ही नतीजा होता है।

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