हल्द्वानी: विधानसभा चुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। नैनीताल जिले की 6 विधानसभा क्षेत्रों में इस बार पिछले विधानसभा चुनावों से कम मतदान हुआ है। हल्द्वानी में भी मतदान प्रतिशत पहले से गिरा है। बता दें कि केवल भीमताल विधानसभा क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र है, जहां मतदान प्रतिशत पहले के मुकाबले बढ़ा है।
गौरतलब है कि नैनीताल जिले की 6 विधानसभा क्षेत्रों में 2017 में 66.81% मतदान हुआ था जिले में मतदान प्रतिशत गिरकर 66.05 हो गया है। यानी कि इस बार 0.76% की गिरावट देखने को मिली है। आंकड़े बताते हैं कि हल्द्वानी में 1.96% वोटिंग कम हुई है। हल्द्वानी में 2017 के चुनावों में 67.17 परसेंट वोट पड़े थे। जबकि इस बार 65.21 फ़ीसदी ही वोटिंग हुई है।
भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से दुर्गम माने जाने वाली भीमताल विधानसभा सीट पर वोटिंग परसेंटेज बढ़ा है। भीमताल में पिछली बार के मुकाबले 1.73 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ है। यहां मतदान प्रतिशत 63.48 से बढ़कर 65.21 पहुंच गया। हालांकि इसका एक बड़ा कारण निर्दलीयों का मैदान में उतरना भी बताया जा रहा है। इसके अलावा नैनीताल सीट पर 1.98 प्रतिशत वोटिंग कम हुई है।
2017 में नैनीताल में 56.89 और अब 54.91 प्रतिशत वोट पड़े। बता दें कि लालकुआं में 2017 में 72.37 और 2022 में 72.24 प्रतिशत वोट पड़े हैं। इसका मतलब इस क्षेत्र में 0.13 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके साथ ही रामनगर में वोटिंग प्रतिशत 0.48 और कालाढूंगी में 0.88 फीसद काम हुआ है। देखने वाली बात होगी कि वोटिंग प्रतिशत कम होने का लाभ किस प्रत्याशी को होता है।
विधानसभा क्षेत्र – 2017 (वोटिंग प्रतिशत) – 2022 (वोटिंग प्रतिशत)
लालकुआं – 72.37 – 72.34 प्रतिशत
रामनगर – 71.22 – 70.44 प्रतिशत
कालाढूंगी – 68.79 – 67.91 प्रतिशत
हल्द्वानी – 67.17 65.21 प्रतिशत
भीमताल – 63.48 – 65.21 प्रतिशत
नैनीताल – 56.89 – 54.91 प्रतिशत