हल्द्वानीः उत्तराखडं की सबसे हॉट सीट नैनीताल लोकसभा मानी जा रही है। इस सीट पर कांग्रेस से पूर्व सीएम हरीश रावत तो भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट मैदान में है। एक और जहां कांग्रेस नैनीताल सीट को किसी भी हालत में जीतना चाह रही है। वहीं अल्मोड़ा लोकसभा सीट का भी पेच नैनीताल से जोड़ा जा रहा है। अल्मोड़ा पूर्व सीएम हरीश रावत का गड़ रहा है। पूर्व सीएम रावत अल्मोड़ा से तीन बार सांसद चुने जा चुके है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पिथौरागढ़ ,चंपावत और बागेश्वर के मतदाताओं को हरीश रावत नाम से भी जानते है और क्षेत्र की तीन पीढ़ियों से उनका नाता है। रावत की सक्रियता का फायदा अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा को मिल सकता था पर हरीश रावत खुद नैनीताल से दावेदार है। अल्मोड़ा सीट के प्रत्याशी प्रदीप टम्टा हरीश रावत को अपना गुरु मानते हैं, क्योकि हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए धारचूला विधानसभा से चुनाव लड़ा जिसमें बिना प्रचार के जनता ने उन्हें जीत दे दी। पर इस बार समीकरण एक दाम अलग है। हरीश रावत खुद नैनीताल से मैदान पर है। और उनके खास मित्र अल्मोड़ा प्रत्याशी प्रदीप टम्टा अपने को अकेला महसूस कर रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि हरीश रावत एक नहीं दो सीटों से चुनाव लड़ रहे है। एक सीट से वह खुद है तो वही दूसरी सीट अल्मोड़ा से उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।अल्मोड़ा से कांग्रेस के पास हरीश रावत के अलावा प्रदीप टम्टा ही दूसरा बड़ा नाम है। रावत के खुद चुनाव लड़ने से टम्टा को विधानसभा के नेताओं के साथ ही काम करना पड़ रहा है। अभी भी अगर हरीश रावत एक जनसभा भी अल्मोड़ा में कर पाते है तो इस सभा से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा को काफी फायदा मिल सकता है। तो वही अल्मोड़ा से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं।