हल्द्वानी: चुनाव आते ही राजनीतिक दल जनता के पास पहुंचते लगते हैं। उनकी परेशानी को अपना समझने की बात करते है लेकिन उसके बाद पता नहीं किया हो जाता है कि वो दिखाई ही नहीं पड़ते हैं। बदलते वक्त से जनता भी बदली है और उसने भी अपने मत की ताकत राजनीतिक दलों को दिखाना शुरू कर दिया है। वो हमारे पास वोट के लिए आ रहे हैं और अगर हम वोट ना करें तो !
ऐसा ही कुछ हल्द्वानी विकास खंड की ग्राम सभा जीतपुर नेगी में हो रहा है। ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। उन्होंने जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को इस आशय का ज्ञापन भी सौंपा,जिसमें कहा गया है कि ग्राम जीतपुर नेगी की पूर्वी सीमा पर करीब पांच सौ परिवार 50—60 वर्ष से निवास कर रहे हैं।इन परिवारों के मतदाता 50—60 वर्ष से विधानसभा व लोक सभा में मतदान करते रहे हैं।
उनके परिवारों के मतदाता लोक सभा व विधानसभा चुनाव में मतदान करते रहे हैं। कहा गया है कि विगत वर्ष 2018 में शासन ने नगर निगम के लिए परिसीमन किया। उस वक्त जीतपुर नेगी गांव को तो नगर निगम में शामिल किया गया लेकिन शेष हिस्सा छोड़ दिया गया। जबकि यह हिस्सा जीतपुर नेगी का अभिन्न अंग है। इससे कई परिवार मतदान करने से वंचित हो गये। इसकी शिकायत शासन व आला अधिकारियों से की गई लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। बाद में ग्राम पंचायत का परिसीमन हुआ तो गांव के इस हिस्से को ग्राम पंचायत से भी हटा दिया गया।
इसकी जानकारी भी ग्रामीणों को नहीं दी गई। इसी से भड़के ग्रामीणों ने लोक सभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया हैं। उनका कहना है कि उन्हें पूर्व की भांति ग्राम सभा में न जोड़ा गया तो वे मतदान नहीं करेंगे। ग्रामीण ‘जीतपुर नेगी में किसी भी पार्टी से जुड़े नेताओं का आना सख्त मना है’ व ‘कृपया वोट मांगकर शर्मिंदा न करें’ लिखा बैनर लिये थे। ज्ञापन सौंपने वालों में पवन कुमार, संजय कश्यप, करन आर्या, कमल राम, सूरज कुमार, जीवन राम, सुरेश कुमार, दीपक चंद्र, नंदलाल, दीपक आर्या, कैलाश चंद्र, शेखर चंद्र आदि शामिल रहे।