Uttarakhand News

108 द्वारा जान बचाने वालों ने सीएम को लिखा खून से खत


देहरादूनः देश के साथ प्रदेश में भी कई लोगों की नौकरी दाव पर लगी है। उत्तराखण्ड में नई कंपनी में समायोजन की मांग को लेकर आपातकालीन सेवा 108 और खुशियों की सवारी से निकाले गए कर्मचारियों का धरना परेड ग्राउंड में चल रहा है। धरने पर बड़े कर्मचारियों को 6 दिन हो चुके है। उन्होंने सीएम के नाम खून से खत लिखा। कर्मचारियों ने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह आंदोलन को जारी रखेंगे।

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जिसके बाद रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने धरने का सर्मथन करते हुए आदोलनकारियों के साथ बैठ गये। 108 एंबुलेंस और खुशियों की सवारी कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव विपिन जमलोकी ने कहा कि पत्र रजिस्टर डाक से सभी को भेजे जाएंगे। वक्ताओं ने कहा कि 11 सालों से वह राज्य के लिए काम कर सेवा दे रहे है। उन्हे आचानक बेरोजगार करने से वह अपने परिवार का लालनपोषण कैसे करेगें यह उनके लिए सबसे बड़ा प्रश्न है। सरकार ने उन्हें बेरोजगार कर भीख मांगने पर मजबूर कर दिया गया। साथ ही उन्होने कहा की वह चुप नहीं बैठेंगे वह अपना हक लेकर रहेंगे।सर्मथन में आये पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारियों को सड़क पर छोड़ दिया है। प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधा नहीं दि जा रही है। उन्होंने कर्मचारियों के परिवार का हवाला देते हुए कहा कि परिवार पर आर्थिक संकट देखा जा रहा है। साथ ही वह यह भी बोले की वह प्रदेश भर के कर्मचारियों के साथ प्रदेश में आंदोलन करेंगे।  

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