हल्द्वानी: देश आगे बढ़ रहा है। युवा अपने रास्ते खुद चुन रहे हैं। इस यात्रा में उन्हें कई बार डिमोटिवेट जरूर होते हैं लेकिन उन्हें ऊर्जा से भरती है कुछ लोगों के संघर्ष की कहानी… जो कुछ नहीं बल्कि पीढ़ी को प्रेरित करती है। खासकर महिलाओं की कहानी… जिन्हें आज भी हमारा समाज दूसरों पर निर्भर समझता है। शिक्षा की बात तो होती है लेकिन शादी के बार करियर पर फुलस्टॉप भी लग जाता है।
इस सोच को अपनी कामयाबी से पहाड़ के युवा जड़ से उखाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें कामयाबी भी मिल रही है। कुछ इस तरीके का काम किया है बागेश्वर जिले के कपकोट की दीपिका वर्मा ने… उन्होंने शादी के बाद अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और परिश्रम के बल पर गृहिणी से असिस्टेंट प्रोफेसर बनी है। डॉ. दीपिका वर्मा को यूकेपीएससी एग्जॉम में कामयाबी मिली है।
जो बहनें-बेटियां शादी को जीवन का फुलस्टॉप मान लेती हैं, उनके लिए बागेश्वर जिले की दीपिका वर्मा एक मिसाल हैं। दीपिका वर्मा ने कड़ी मेहनत की बदौलत गृहिणी से असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक का सफर तय किया है। मौजूदा वक्त में डॉ. दीपिका हल्द्वानी में रहती हैं। उनके पति डॉ. हरिओम वर्मा असिस्टेंट कमिश्नर (जीएसटी) के पद पर कार्यरत हैं। डॉक्टर दीपिका ने पंतनगर से पढ़ाई की और उसके तुरंत बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का फैसला किया।
ऐसा नहीं है कि दीपिका को तुरंत कामयाबी मिली। कई बार उन्हें असफलता जरूर मिली लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दीपिका का लक्ष्य उनकी जिद बन गई। शादी के बाद भी उन्होंने तैयारियां नहीं छोड़ी। घर की जिम्मेदारियों के बीच भी उन्होंने अपने सपने के साथ समझौता नहीं किया। इसमें उनके परिवार ने उनकी मदद की और परिणाम आज सामने है। हम अपने पाठकों से अपील करते हैं कि अगर आप ये स्टोरी पढ़ रहे हैं तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें… ताकि सैकड़ों महिलाएं इससे प्रेरित हो… और अपने सपनों के साथ समझौता ना करें।