हल्द्वानी: पिछले दो साल में उत्तराखण्ड और क्रिकेट का कनेक्शन मजबूत हुआ है। राज्य की टीम ने घरेलू क्रिकेट में भाग लेना शुरू किया है। साल 2019/20 के सीजन में जूनियर खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से नाम कमाया है और बताया है कि आने वाला कल राज्य को शिखर तक जरूर पहुंचाएगा। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं तो दूसरे स्टेट से खेलते हैं और भारतीय क्रिकेट में अपनी पहचान बना रहे हैं। हल्द्वानी के आर्यन जुयाल भी इस लिस्ट में आते हैं।
बिना शोर मचाए ये खिलाड़ी कामयाबी के पथ पर चल रहा है। 16 साल की उम्र में भारतीय अंडर-19 टीम में जगह बनाई। विश्वकप टीम के विजेता रहे। उसके बाद अंडर-19 टीम की कमान भी संभाली जहां टीम को विदेश में जीत दिलाई। अब उत्तर प्रदेश ने अंडर-23 और 19 में मौका दिया तो वहां भी कमाल किया। 18 साल की उम्र की इस खिलाड़ी को उत्तर प्रदेश ने रणजी टीम के लिए चुना। अपने चयन को सही बात करते हुए आर्यन ने साल 2019/2020 रणजी सीजन में अपने दूसरे ही मैच मजबूत कर्नाटक के खिलाफ शतक जड़ दिया। पूरे सीजन में आर्यन ने उत्तर प्रदेश के लिए सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई। 12 पारियों में 371 रन बनाए। एक शतक और तीन फिफ्टी उनके खाते में रही। कई बार आंकड़े से ज्यादा आपके खेलने का स्टाइल दिल छू लेता है और ऐसे ही इस युवा के साथ हुआ है।
आर्यन जुयाल ने अपनी बल्लेबाजी में मजबूत तकनीक का परिचय दिया है। खुद क्रिकेट एक्सपर्ट और मैच के दौरान कॉमेंटेरों इसे प्रभावित हुए हैं।एक मैच में उन्होंने माना कि इस खिलाड़ी को तकनीक वरदान में मिली है। पूरे सीजन में आर्यन ने 816 गेंद खेली और 18 साल के किसी भी खिलाड़ी के टेंपरामेंट को ये दिखाता है। जिस तकनीक को युवा फटाफट क्रिकेट की चौंकसी में पीछे छोड़ रहे हैं उससे ये खिलाड़ी अपनी पहचान बना रहा है। इस बारे में आर्यन का कहना है कि मैदान पर मैं अपनी मजबूती दिखाता हूं। हर खिलाड़ी का अपना अंदाज होता है और मेरा ये है। सीजन में रन जरूर हुए हैं लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं… मुझे कई पारियों में स्टार्ट मिला था उसे शतक में तब्दील किया जा सकता था। मैं अब उसी में काम करूंगा। क्रिकेट के मैदान पर मैं रोज कुछ नया सिखता हूं। इस स्तर पर आकर आप EXCUSE नहीं बना सकते हैं।