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हल्द्वानी: 19 साल के आशीष ने लिख डाली किताब,खूब चर्चा बटोर रही है मेरे ख्याल


हल्द्वानी: 19 साल के आशीष ने लिख डाली किताब,खूब चर्चा बटोर रही है मेरे ख्याल

हल्द्वानी: कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन तीन महीने से ज्यादा लॉकडाउन लगा हुआ था। लोग घरों में बंद थे और वक्त बर्बाद होने की बात कर रहे हैं। इसी बीच कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने इस वक्त को अपने आप को निखारने में जोर दिया। घर में रहकर नई-नई रचना की और खुद की पहचान भी बनाई। इस तरह की गतिविधियां युवाओं को भी प्रेरित करती हैं और उदाहरण देती हैं कि वक्त बर्बाद होने का बहाना बनाने से बेहतर है कि उस वक्त का इस्तेमाल अपनी कमियों को दूर करने में किया जाए। हल्द्वानी शहर में कई युवाओं ने लॉकडाउन का अच्छा इस्तेमाल किया और अपनी पहचान बनाई। क्या आप सोच करते हैं कि जिस लॉकडाउन को लेकर नुकसान और बर्बाद जैसे शब्दों का प्रयोग हो रहा था वो किसी के लिए एक वरदान साबित हुआ है।

हल्द्वानी के रहने वाले आशीष तिवारी ने भी कुछ ऐसा ही किया और एक किताब लिख डाली। आशीष की उम्र केवल 19 साल है और उन्होंने किताब हिंदी में लिखी है वो भी उस जमाने में जब युवा हिंदी को ज्यादा तवज्जों नहीं देते हैं। आशीष की किताब का नाम है मेरे ख्याल….इस किताब के बारे में उनका कहना है कि, मैंने हर एक व्यक्ति तक अपने ख़्याल पहुंचाने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है। जिस के माध्यम से कुछ अनछुए ख़्याल को छूने का प्रयास किया गया है।

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यह पुस्तक उन सभी लोगों के लिए है, जिन्हें साधारण हिंदी भाषा का ज्ञान है। ‘मेरे ख़याल’ बहुत सारे रंगों से मिलकर बनी है। जैसे सब रंगों की अपनी अहमियत होती है ठीक उसी तरह इस किताब की हर एक पंक्ति के अपने अलग मतलब हैं। कहीं गुलाबी इश्क मिलेगा, कहीं लाल खून मिलेगा, तो कहीं काली सच्चाई मिलेगी।

आशीष तिवारी को बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक रहा है। यह किताब ‘मेरे ख़याल’ उनके द्वारा लिखी गई पहली पुस्तक है। इसके अलावा वह दिल्ली के ‘द सोशल हाउस’ कल्ब में भी अपनी कविताओं की प्रस्तुति दे चुके हैं। आशीष उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में रहकर विज्ञान विषय से स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। आशीष का प्रयास बेहद शानदार है। हल्द्वानी लाइव डॉट कॉम की ओर से उन्हें ढेरों बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

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