हल्द्वानी: राज्य में क्रिकेट के प्रति दिवानगी किसी से कम नहीं है। जब टीम को घरेलू क्रिकेट की मान्यता मिली तो फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दो सीजन से उत्तराखण्ड की टीम घरेलू क्रिकेट खेल रही है और अपने प्रदर्शन से फैंस को उम्मीद दी है कि आने वाला कल उसका होने वाला है। इस साल उत्तराखण्ड क्रिकेट टीम को छत मिल गई है। राज्य में क्रिकेट संचालन की जिम्मेदारी सीएयू को मिली है।
मान्यता मिलने के बाद से राज्य में क्रिकेट को बढ़ावा देने की कवायत शुरू हो गई है। संघ के सचिव महिम वर्मा का बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी बन गए है जिससे उम्मीद है कि राज्य तेजी से इस खेल में आगें बढ़ेगा। कुछ ही दिन घरेलू खिलाड़ियों के कॉन्ट्रेक्ट के विषय में खबर सामने आई थी, जो खिलाड़ी प्रदर्शन करेगा उसे सपोर्ट मिलेगा, इस प्लान की काफी प्रशंसा हो रही है।
क्रिकेट की बात होती है तो देहरादून और हल्द्वानी का नाम आता है। देहरादून में बोर्ड के मुकाबले हो रहे है लेकिन हल्द्वानी का नाम केवल कागजों में दिखाने के लिए किया जाता है। कुमाऊं में काशीपुर में बोर्ड मुकाबले खेले गए। अब पहाड़ों में क्रिकेट को आगें बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बारे में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष महिम वर्मा भी कह चुके है कि उनका मकसद पहाड़ में क्रिकेट को आगें बढ़ाने का रहेगा।
अब खबर आ रही है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड ने इस योजना की तरफ काम करना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भी बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट के मैच कराए जाएंगे। इसके लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने पहाड़ी जिले में क्रिकेट ग्राउंड तैयार करने की योजना बनाई है। प्रयास है कि अगले सीजन तक इस क्रिकेट ग्राउंड को तैयार कर लिया जाए, ताकि साल 2020 या 2021 में यहां मैच कराए जा सकें। सीएयू ने क्रिकेट ग्राउंड के लिए जमीन तलाशना शुरू कर दिया है। अभी तक उत्तरकाशी व पौड़ी जिले का नाम सबसे ऊपर चल रहा है।
बीसीसीआई के उपाध्यक्ष ने हल्द्वानी की अनदेखी से किया इंकार…
हल्द्वानी में मुकाबले के सवाल पर बीसीसीआई के उपाध्यक्ष ने शहर में घरेलू मुकाबलों के लिए केवल एक मेलकानी क्रिकेट ग्राउंड है लेकिन पास में खिलाड़ियों के रुकने की व्यवस्था नहीं है। एकेडमी की तर्ज पर सभी जिलों में क्रिकेट को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल के जिलों में मैदान के निरीक्षण के लिए कमेटी बनाई गई है।
कमेटी डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन के जरिए मैदान व जगह देखी जाएगी। इसके बाद खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए मैदान बनाया जाएगा। तब तक के लिए जिन पहाड़ी क्षेत्र में मैदान है वहां पर जिले के खिलाड़ियों के अभ्यास की व्यवस्था की जाएगी।
इसके लिए हम राज्य में मौजूद बीसीसीआई कोच व अन्य एक्सपर्ट को भेजेंगे। पहाड़ में मैदान बनने के बाद सबसे पहले जूनियर लेवल के मुकाबले कराए जाएंगे, ताकि पहाड़ के युवा खिलाड़ियों को बाहर से बोर्ड मुकाबलों का अनुभव हो पाएगा। उन्होंने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं में दो क्रिकेट एकेडमी बनाई जाएगी, जहां पर पूरे साल अभ्यास किया जाएगा। इसकी नींव को मजबूत करने के लिए प्रोफेश्नल कोच की नियुक्त किए जाएंगे।