हल्द्वानी: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे में शानदार प्रदर्शन कर लौटे उत्तराखंड क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर दीक्षांशु नेगी का भव्य स्वागत किया गया। वह गुरुवार को हल्द्वानी क्रिकेटर्स क्लब पहुंचे, जहां से उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। इस मौके पर कोच दान सिंह भंडारी, दान सिंह कन्याल, महेंद्र सिंह बिष्ट और इंदर सिंह जेठा ने उनका स्वागत किया।
सभी ने कहा कि दीक्षांशु नेगी की मेहनत युवाओं के लिए एक उदाहरण हैं। बता दें कि करीब 10 साल पहले दीक्षांशु नेगी ने राज्य को मान्यता ना मिलने के वजह से बेंगलुरू का रुख किया था। वहां उन्होंने अपने खेल से लोगों का दिल जीता। इसके बाद उन्हें कर्नाटक प्रीमियर लीग में खेलने का मौका मिला। दीक्षांशु ने केपीएल में 6 सीजन शिरकत की और राज्य का नाम रोशन किया। वह साल 2019 में उत्तराखंड लौटे और रणजी ट्रॉफी में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के लिए सबसे ज्यादा 450 रन बनाए।
दीक्षांशु नेगी के लिए साल 2020-2021 सीजन में भी अच्छा रहा। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बड़ौदा के खिलाफ उन्होंने नाबाद 77 रनों की पारी खेलकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस पारी के बाद उन्हें मुंबई इंडियंस और केकेआर ने आईपीएल ट्रायल के लिए न्योता दिया था। उनका नाम आईपीएल ऑक्शन में भी था पर उन्हें खरीददार नहीं मिला हालांकि बाद में उन्हें मुंबई इंडियंस ने बतौर सपोर्टिंग खिलाड़ी टीम के साथ जोड़ा है। दीक्षांशु 12 मार्च को मुंबई के लिए रवाना होंगे, जहां उन्हें मुंबई इंडियंस के कैंप में भाग लेना है। कुछ दिन पहले वह बायो बबल के तहत क्वारंटाइन में रहेंगे।
विजय हजारे में दीक्षांशु को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिला लेकिन उन्होंने गेंदबाजी से टीम के लिए योगदान दिया। उन्होंने मिजोरम के खिलाफ 6 विकेट हासिल किए। वनडे में यह किसी भी उत्तराखंडी खिलाड़ी का बेस्ट प्रदर्शन हैं। उन्होंने टूर्नामेंट में 126 रन बनाए और कुल 10 विकेट अपने नाम किए।
गुरुवार को दीक्षांशु नेगी से मिलने के लिए युवा खिलाड़ी काफी उत्साहित थे। उन्होंने आईपीएल-14 के लिए दीक्षांशु को ऑल द बेस्ट कहा। वहीं क्लब के कोचिंग स्टॉफ ने भरोसा जताया है कि दीक्षांशु अपनी प्रतिभा से मुंबई इंडियंस को प्रभावित करेंगे और जल्द टीम का हिस्सा बनकर मैदान पर दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के आकाश मधवाल और दीक्षांशु नेगी आईपीएल का हिस्सा होंगे और ये गर्व की बात है। राज्य को घरेलू क्रिकेट खेलते हुए केवल 3 साल हुए हैं। ये दर्शाता है कि राज्य के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं हैं।
वहीं दीक्षांशु ने कहा कि वह भविष्य के बारे में सोचने से ज्यादा वर्तमान पर विश्वास करते हैं। उन्हें जो भी जिम्मेदारी क्रिकेट के मैदान पर मिलेगी उसे वह 100 प्रतिशत निभाने की कोशिश करेंगे। जब क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो इंडिया और आईपीएल ही ध्यान में रहता था, आज मैं वहां अपने माता-पिता, कोचस और सहयोगियों के वजह से पहुंचा हूं और सभी का धन्यवाद करता हूं।