विगत देर रात कुमाऊं मण्डल कमिश्नर राजीव रौतेला ने एलडीए सभागार में जनपद नैनीताल में संचालित जलशक्ति अभियान की समीक्षा की। 01 जुलाई से प्रारम्भ हुए इस अभियान की प्रगति का डाटा पेश करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार तथा जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी द्वारा किया गया, बैठक मे जिलाधिकारी सविन बंसल भी मौजूद थे।
समीक्षा बैठक के दौरान कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला ने कहा कि भविष्य में पानी की समस्या निपटने के लिए हम सभी को अभी से जल संचय, संरक्षण, सवंर्धन करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जल शक्ति अभियान के अन्तर्गत जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यो में गति लायें, उन्हें पूर्ण करते हुए पोर्टल पर अपलोड भी करना सुनिश्चित करें। कमिश्नर राजीव रौतेला ने अधिकारियों को कहा कि खुले मन, अच्छी भावना एवं पूरी तन्मयता से जलसंरक्षण के उपायों पर कार्य करें ताकि भविष्य में जनपद में जल संकट की स्थिति उत्पन्न न हों और अभियान अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल हो सके। उन्होंने अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों से कहा कि वे आपसी तालमेल से आगे की कार्य योजना एक सप्ताह के भीतर तैयार करने के भी निर्देश दिए।
कमिश्नर राजीव रौतेला ने मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता को कहा कि विद्यार्थियों को जल का महत्व बताते हुए जल संरक्षण के प्रति सचेत किया जाए जो जल संरक्षण के लिए भविष्य में सशक्त माध्यम साबित होगा। उन्होंने बच्चों को नित प्रार्थना में जल संरक्षण से सम्बन्धित छोटे-छोटे सुझाव दें ताकि बच्चे अभी से अपनी आदतों में शुमार कर जल संरक्षण में अभी से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। कमिश्नर राजीव रौतेला ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मनरेगा से युगपतिकरण कर कार्य करायें। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण कार्य नदी, नालों के रिचार्ज ज़ोनों के साथ ही वन पंचायतों, सिविल सोयम व आरक्षित वनों में भी वृहद्ध वनीकरण करते हुए चाल-खाल, खंतिया, चैक डेम,तालाब, कच्चे पोखर आदि बनाने के कार्य किये जायें। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक, न्याय पंचायत, ग्राम पंचायत स्तर पर कृषि मेले, जागरूकता अभियान चलाकर जन सहभागिता बढ़ायी जाये।
कमिश्नर राजीव रौतेला ने कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु नए कार्यों के स्थान पर परम्परागत जल संरचनाओं का पुर्नोद्धार किया जाए, इसके साथ ही छोटे-छोटे गाढ़-गधेरे, नोलों आदि के रिचार्ज एवं पुर्नोद्धार की दिशा में काम किया जाए। आयुक्त ने कहा कि निकाय क्षेत्रों में भी छोटे नदी, नाले, नलकूप हैं उन्हें भी रिचार्ज करने हेतु चैकडेम आदि बनाये जायें ताकि भूमिगत जल स्तर बना रहे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बिल्डिंग बायलाॅज में छत वर्षा जल संग्रहण भी अनिवार्य किया जाए।