हल्द्वानीःआर्यन जुयाल ने भारतीय अंडर- 23 टीम में जगह बनाई है। टीम इंडिया का बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली वनडे टीम के लिए चयन हुआ है। इससे पहले आर्यन अंडर-19 टीम के कप्तान रह चुके हैं। आर्यन 2018 में विश्वकप जीतने वाली अंडर 19 टीम के सदस्य रह चुके हैं।
आर्यन के लिए पिछला घरेलू सीजन शानदार रहा था। उन्होंने सीके नायडू ट्रॉफी में दो शतक जमाए थे। आर्यन जुयाल साल 2017 में अंडर-19 टीम में शामिल हुए थे। साल 2018 में वो टीम के कप्तान बनें और 2019 में एक बार फिर अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने अंडर-23 टीम में जगह बनाई।
आर्यन जुयाल के माता पिता ने बेटे की इस कामयाबी पर हल्द्वानी लाइव से बात की। उन्होंने कहा कि आर्यन की मेहनत ही है जो आज रंग लाई है। पिता डॉक्टर संजय जुयाल ने बताया कि क्रिकेट से इस कदर लगाव के वजह से उन्होंने अपने बेटे को गोरे से काला होते देखा है। पिता ने बताया कि आर्यन बचपन से ही होशियार था और हमेशा अच्छे अंक लाता था। क्रिकेट के प्रति प्रेम के चलते उसने बचपन में ही क्रिकेट का दामन चुना। पिता ने बताया कि महज 7 साल की उम्र में ही बेटे ने खिलोनों के बजाय बल्ला थाम लिया।
आर्यन की मां डॉक्टर प्रतिभा जुयाल का कहना है कि वह सुबह 5 बजे उठकर अभ्यास शुरू कर देता था। जहां उसकी उम्र के बच्चे अलग- अलग तरह का खाना खाते है वहीं आर्यन अपनी डाइट के लिए भी काफी कॉन्सियस है। माता पिता का कहना है कि वह कोई भी राह चुन सकता था। लेकिन उसने देश के लिए खेलने की राह चुनी।
आर्यन के पिता ने कहा कि अभिभावकों को बच्चों की रूचि पर ध्यान देना चाहिए। अगर वो पढ़ाई के अलावा किसी अन्य क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें सहयोग करें। वो खुलकर अपनी जिंदगी जी सकेंगे और उनके कामयाब होने के चांस भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के बनाना पढ़ाई से ज्यादा कठिन है क्योंकि आपको 15-20 लोगों की सूची में शामिल होना होता है।