गर्मी के मौसम मेंं तमाम परेशानियां सामने आती हैं। इनमें से एक है किसान.. इन्हे फसलों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इस दिशा में डीएम सविन बंसल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। फसलों के लिए सिचाई लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो इसके लिए नलकूपों व नहरों का प्रभावी रोस्टर तैयार किया जएगा। डीएम सविन बंसल ने सिचाई तथा नलकूप महकमे की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये।
भाबर में किसानों को सिचाई के लिए पानी का जरिया नलकूप व नहरें ही है, तापमान बढ़ने से पानी की कमी स्वभाविक है ऐसे मे किसानों की फसले पानी के अभाव मे प्रभावित ना हों इसलिए जरूरी है कि नलकूपों तथा नहरों का रोस्टर बनाया जाए। सिचाई विभाग के अधिकारी तथा उपजिलाधिकारी किसानो के साथ बैठक कर 30 जून तक के लिए नहरों तथा नलकूपों के संचालन का रोस्टर तैयार करें। गर्मी के मौसम मे बिजली की खपत बढ़ जाती नलकूपों के एक साथ निरंतर चलने तथा लो-वोल्टोज से नलकूपों की मोटरें फूंक जाती है जिससे पानी की आपूर्ति के साथ ही सिंचाई कार्य प्रभावित होता है। नलकूपों की रोस्टर वाइज मोटर चलने से मोटर फूंकने की संख्या में कमी आयेगी लिहाजा सिचाई के लिए रोस्टर प्रणाली आवश्यक हैं।
डीएम बंसल ने बताया कि नलकूप महकमें को शासन से वार्षिक रिपेयर फंड के अलावा जिला योजना से भी अतिरिक्त धनराशि मोटरों की रिपेयर तथा स्पेयर पार्टस क्रय करने के लिए आवंटित की जायेगी। बहुत से स्पेयर पार्टस उत्तर प्रदेश व अन्य जिलो से आते है उसकी व्यवस्था भी कराई जायेगी ताकि मोटरों के रिपेयर का काम तेजी से हो सके तथा ताकि पानी की सप्लाई मे ज्यादा विलम्ब ना हो।
सिंचाई तथा नलकूप विभाग से रिंस्पांस टीमों की जानकारी भी ली। उन्होंने सिंचाई महकमें के अधिकारियों से कहा कि सिंचाई के लिए जो नहरें व गूल इस्तेमाल की जारी है उनकी आवश्यक मरम्मत के साथ ही नियमित सफाई भी की जाए ताकि नहरों के अन्तिम छोर तक पानी उपलब्धता किसानों को बनी रहे। उन्होंने सिंचाई तथा नलकूप महकमें के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह गीष्मकाल मे सयुक्त रणनीति बनाकर कार्य करें।