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देहरादून-भीमताल के बाद, हल्द्वानी में शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तीमान बनाएगा ग्राफिक एरा


हल्द्वानी: देश के विख्यात विश्वविद्यालयों में शुमार ग्राफिक एरा की सेवा कुमाऊं की आर्थिक लाइफलाइन हल्द्वानी को जल्द मिलने लगेगी। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की तीसरी शाखा शहर के हल्दूचौड़ में खुलने जा रही है और एक सितंबर से नए सत्र की शुरुआत भी हो रही है। इस नए परिसर में बी. टेक कम्प्यूटर साईंस इंजीनियरिंग के साथ ही बीबीए, बीसीए, बी कॉम (ऑनर्स), होटल मैनेजमेंट और एमबीए समेत 17 कोर्स संचालित किए जाएंगे। इसके अलावा हल्द्वानी परिसर सबसे नई तकनीक से जुड़ेगा।

ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कमल घनसाला ने बताया कि हल्द्वानी परिसर में जल्द कक्षाएं शुरू होंगी। यहां बी. टेक कम्प्यूटर साईंस इंजीनियरिंग, बी. टेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग, बी. टेक इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, बीबीए, बी कॉम ऑनर्स, बीसीए, बी एस-सी (आई टी), बीए ऑनर्स इंगलिश, बीए ऑनर्स इक्नोमिक्स, बीए ऑनर्स साइकोलॉजी, बीए जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन आदि के कोर्स शुरु किए जाएंगे। ग्राफिक एरा शिक्षा के क्षेत्र से जरूर जुड़ा है लेकिन इसका फायदा ग्रामीण भी उठाते आए हैं क्योंकि ये लोगों को रोजगार के अवसर भी देता रहा है। उन्होंने कहा कि पहले पहाड़ के बच्चे दूसरे राज्यों में कोर्स करने के लिए जाते थे लेकिन अब हमारे युवा अपने राज्य में पढ़ाई कर रहे हैं।

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ग्राफिक एरा शिक्षा के अलावा अपने विद्यार्थियों को सामाजिक कार्यों में जुड़ने के लिए भी प्रेरित करता रहा है। साल 2013 में आई आपदा हो या फिर जंगलों में आग लगने की घटनाएं हो, हमारे छात्र -शिक्षक समाज के प्रति अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे हैं। पिछले कई सालों में ग्राफिक एरा के छात्रों के पैकेज लाखों में रहे हैं और अब तो दूसरे राज्यों के युवा भी उत्तराखंड में पढ़ाई के लिए आ रहे हैं। ये बताता है कि उत्तराखंड में संभावनाएं आपार हैं और इसी लिए राज्य स्टार्टअप हब बनने की ओर भी बढ़ रहा है। बच्चा पढ़ें और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर प्रदान करें, इससे बेहतर शायद ही कुछ हो सकता है। हम इसी दिशा में बच्चों को तैयार कर रहे हैं।

इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रोफेसर डॉक्टर कमल घनसाला ने बताया कि हल्द्वानी में बन रहे परिसर में इस वर्ष 1000 से अधिक नए एडमिशन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है और वही इस परिसर में लगभग 5000 से अधिक छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा।

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