हल्द्वानी: उत्तराखण्ड क्रिकेट टीम रणजी ट्रॉफी के 2019/2020 सीजन में पहली जीत की तलाश में जुटी है। इस सीजन में 6 मुकाबले में से 5 में उसे हार का सामना करना पड़ा है। प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं लेकिन एक कोच ऐसा भी है जिसे टीम के प्रदर्शन पर गर्व है। बल्लेबाजी की बात करें तो उत्तराखण्ड टीम के लिए इस सीजन सौरभ रावत और दिक्षांशु नेगी के जज्बे ने सभी को प्रभावित किया है। कोच दान सिंह कन्याल दोनों के प्रदर्शन पर गर्व महसूस करते हैं।
हल्द्वानी से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले दोनों इस सीजन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। दिक्षांशु नेगी तीन फिफ्टी के साथ 368 रन बनाए हैं। वहीं सौरभ ने दो फिफ्टी और एक शतक के साथ 325 रन बनाए हैं। सौरभ रावत मौजूदा वक्त में उत्तराखण्ड की ओर से रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शतक जमाने वाले बल्लेबाज हैं। उनके खाते में 4 शतक हैं। तीन शतक उन्होंने साल 2018 के सीजन में बनाए थे और एक इस सीजन में निकला है। सौरभ के बल्ले से साल 2018/2019 सीजन के नॉक आउट में विदर्भ के खिलाफ शतक निकला था जिसने घरेलू क्रिकेट में उन्हें पहचान दी थी। वहीं वह उत्तराखण्ड की ओर से दोहरा शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज हैं।
दोनों के प्रदर्शन से कोच दान सिंह कन्याल काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से दोनों साथ में खेल रहे हैं और राज्य क्रिकेट में एक पहचान बना रहे हैं। क्रिकेट के लिए दोनों ने घर छोड़कर दूसरी जगह जाने का फैसला किया था। राज्य को मान्यता प्राप्त नहीं थी और इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। सौरभ ने ओडिशा के लिए खेला और दिक्षांशु ने केपीएल में शिरकत की। दोनों ही खिलाड़ियों ने अपने अनुभव का इस्तेमाल उत्तराखण्ड के लिए किया है। किसी भी कोच का सपना होता है कि उसके बच्चे अच्छा करें।
लोग टीम के प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रहे है, अब क्रिकेट बाहर से लगता आसान है लेकिन होता मुश्किल है। टीम का यह दूसरा सीजन है और धीरे-धीरे टीम अनुभव के साथ मजबूत होती जाएगी। झारखंड के खिलाफ उत्तराखण्ड करीब आया था और दो-तीन अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन अच्छा रहता तो मुकाबले की तस्वीर कुछ और हो सकती थी। झारखंड के खिलाफ सौरभ ने पहली पारी में 66 और दूसरी पारी में 110 रन की पारी खेली थी। जबकि दिक्षांशु ने दूसरी पारी में 81 रन बनाए थे। उत्तराखण्ड क्रिकेट अपने खिलाड़ियों पर अभी इनवेस्ट कर रहा है और इसके नतीजे अच्छे होगे। जो लोग सवाल खड़े कर रहे हैं वह ही बच्चों के प्रदर्शन की तारीफ करेंगे।