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हम शाम को घर की ओर जाते हैं लेकिन हल्द्वानी का ये ग्रुप लोगों को खाना खिलाने निकलता है


हल्द्वानी: मनीष पांडे” आशिक”:भारत संस्कृति, सभ्यता, धर्म प्रधान देश है। यहां मनुष्य की सेवा को नारायण सेवा माना गया है। इस विचार के चलते, हमें अपने इर्द गिर्द ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं, जिससे हमारा मानवीयता, इंसानियत और परोपकार पर भरोसा मज़बूत होता है। शहर हल्द्वानी में भी मानवीयता की एक ऐसी ही मिसाल देखने को मिलती है। शाम ढलते ही जब सभी अपने कामकाज से घर लौटने लगते हैं, तब हल्द्वानी शहर की एक संस्था गरीब, ज़रूरत मंदों की सेवा के लिए निकलती है। सेवा का ज़रिआ बनती है, संस्था की जन कल्याकारी मुहिम जिसका नाम है ” अन्न धारा मुहिम “।

इस दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिन्हें मेहनत मशक्कत के बावजूद दो समय का भोजन नसीब नहीं हो पाता। वे लोग कुपोषित होकर जीवन जीने पर मजबूर रहते हैं। वैसे तो हर व्यक्ति, हर नागरिक को भोजन उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी सरकार की होती है मगर भारत जैसे 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में यह कार्य कठिन मालूम होता है। ऐसे में ये ज़रूरी हो जाता है कि समाज में रह रहे लोग ही कुछ ऐसा करें, जिससे चाहे कुछ ही ज़रूरत मंद लोगों की सही, मगर उनकी भूख शांत हो, उन्हें तृप्ति मिले।

इसी कोशिश में कामयाब होती है दिखती है शहर के सहायता समूह ” हल्द्वानी ऑनलाइन संस्था ” की मुहिम ” अन्न धारा मुहिम “।

अन्नधारा मुहीम के अन्तर्गत हल्द्वानी ऑनलाइन संस्था के सदस्य प्रत्येक बुधवार और शनिवार को हल्द्वानी के सरकारी अस्पताल और उसके इर्द गिर्द ज़रूरत मंद लोगों को फल और भोजन उपलब्ध कराते हैं। अस्पताल में दाख़िल मरीज़ों को फल वितरित किए जाते हैं, जबकि उनके परिजनों को भोजन मुहैया कराया जाता है। इन ज़रूरत मंद लोगों में होते हैं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों से आए गरीब, कमज़ोर तबके के वे मरीज़ जो सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए होते हैं। जिनके पास धन की कमी होती है। जिन्हें हर तरह की सहायता, सहयोग की सख़्त ज़रूरत होती है।

इसके अलावा हल्द्वानी ऑनलाइन संस्था सहायता समूह के सदस्यों द्वारा अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के पास खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूत गरीब लोगों को भी भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

अन्न धारा मुहिम के अन्तर्गत भोजन वितरण की पूरी प्रक्रिया भी बेहद रोचक है। हल्द्वानी ऑनलाइन संस्था के अध्यक्ष दिनेश ल्वेशाली बताते हैं कि संस्था के सदस्य ऑनलाइन माध्यमों के ज़रिए अपने फ़ेसबुक ग्रुप के सदस्यों से एक राशि इकट्ठा करते हैं। जिस व्यक्ति की जो भी क्षमता होती है वह ख़ुशी से सहयोग करता है।इस धनराशि से राशन, फल आदि की ख़रीद की जाती है। फिर संस्था के सदस्य स्वयं अपने हाथों से उस राशन की मदद से ताज़ा, साफ़, पौष्टिक भोजन तैयार करते हैं और हर बुधवार और शनिवार भोजन वितरण का कार्य करते हैं। संस्था के द्वारा बिना किसी अवरोध के निरंतर भोजन की सेवा देकर हर सप्ताह सैकड़ों लोगों की भूख शान्त की जा रही है।

हल्द्वानी ऑनलाइन संस्था की यह मुहिम बेहद प्रेरणादायक है। यह एक तरफ जनसेवा का भाव दिखाती है तो दूसरी तरफ़ यह महसूस कराती है कि अगर हम चाहें तो फ़ेसबुक ग्रुप के ज़रिए समाज में बड़े स्तर के परिवर्तन ला सकते हैं। इस तरह की सकारात्मक कहानियां न सिर्फ़ समाज में ऊर्जा की संचार करती हैं बल्कि कई लोगों को इस तरह की जन कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने के लिए प्रेरित करती हैं। हम सभी को इस तरह के कार्यों में भाग लेकर समाज की बेहतरी के लिए प्रयास करने चाहिए।

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