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भारत के सबसे बड़े मंच में दिखाई दिया हल्द्वानी का हेम, लाखों युवा हो रहे हैं प्रेरित


हल्द्वानी: मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। ये पंक्तियां काफी पुरानी जरूर हैं लेकिन ये कामयाबी के नए नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है। कामयाबी तक पहुंचने के लिए लग्न के अलावा धैर्य की भी जरूत होती है और इस बात का उदाहरण पेश किया है हल्द्वानी के छोटे से गांव ‘पनियाली’ में रहने वाले हेम चंद्र ने। अपने शोक को उन्होंने जिंदगी बना दी और भारत के सबसे सोशल मंच “जोश टॉक्स”  में वह अपनी अपनी कहानी को बयां कर लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। दो अक्टूबर को उनका वीडियो “जोश टॉक्स”  में अपलोड़ किया गया और उस वीडियो को अब तक 1 लाख 21 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं।

हेम चंद्र का सफर

हेम का बचपन गरीबी में जरूर बिता लेकिन उन्होंने इसे बहाना बनाने के बजाए अपनी ताकत बना दिया। इन चीजों से लोग गिरते हैं लेकिन हेम ने उठने का फैसला किया और उनकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है। हेम को बचपन से पढ़ने का शौक था। इसके अलावा बॉडीबिल्डिंग को लेकर भी उनकी काफी रूचि थी तो उन्होंने इस क्षेत्र में काम करने का फैसला किया। बॉडी बिल्डिंग करियर में वह सबसे पहले मिस्टर पंतनगर बनें और इसके बाद उनकी कामयाबी का रास्ता खुलता चला गया। फिर वह वह मिस्टर उत्तराखंड का खिताब भी जीते। इसके अलावा 2018 में उन्हें “मोटिवेशनल आइकॉन ऑफ इंडिया” भी चुना गया।

अपने PASSION को फोलो करने के लिए कई सरकारी नौकरियों को पीछे छोड़ा। वह रेशम विभाग में सहायक निदेशक के पद पर तैनात रहे। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय पुलिस में सब इंस्पेक्टर ,पंतनगर विश्वविद्यालय में प्रक्षेत्र प्रबंधक औरटीडीसी उत्तराखंड में बीज उत्पादन अधिकारी के तौर पर काम किया। वह पावर लिफ्टिंग और वेटलिफ्टिंग में 3 साल तक विश्वविद्यालय में चैंपियन भी रहे। बॉडीबिल्डिंग, पावर लिफ्टिंग और वेट लिफ्टिंग के इंडोर टीम के कप्तान की जिम्मेदारी भी इन्हीं को मिली। उन्होंने अपने शौक और हुनर के लिए इस जॉब छोड़ने से भी परहेज नहीं किया। हेमचंद्र के सपनों की भूख बड़ी थी और उन्होनें UKPSC के exam को crack कर Assistant Director Agriculture का पद हासिल किया।

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