केंद्रीय विद्यालय में पारंपरिक खेलों पर कार्यशाला का आयोजन पिछले सप्ताह किया गया| केंद्रीय विद्यालय हल्द्वानी के प्राचार्य टी पी आर्या द्वारा कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बच्चों पारंपरिक खेलों से दूर हो गए हैं। बच्चों के दौर में मैदान की बजाय मोबाइल पर आ गया है जिसके वजह से बच्चो के स्वास्थ्य में असर पड़ रहा हैं। वह कैसे ना कैसे अपने अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पारंपरिक खेलों को अपने जीवन में उतारे क्योंकि यह खेल सिर्फ आपको स्वस्थ ही नहीं बनाते अभी तो इन पर इन पर आने वाला खर्च बहुत कम होता हैं।
इस दौरान शारीरिक शिक्षा का अनूप ज़ख्मोला द्वारा पारंपरिक खेलों के बारे में विस्तार पूर्वक बच्चों को बताया गया अपितु उनको पारंपरिक खेल जैसे गिल्ली डंडा, बाघ बकरी, मिनी बाघ बकरी , सिगड़ी , सपोलिया , गिट्टी फोड ,बिट्टू आदि बहुत से पारंपरिक खेलों के बारे में विस्तार पूर्वक बच्चों को बताया एवं उनको खिलाया।
कार्यशाला में 1000 बच्चों ने प्रतिभाग किया बच्चे काफी उत्साहित थे और उनको इस बारे में जो जानकारी मिली उससे वह बड़े ही खुश थे कि आज के दौर में जहां मोबाइल का जमाना है। अभी भी ऐसे पारंपरिक खेल हैं जिनसे अपनी सेहत को और भी सुंदर बना सकते हैं पारंपरिक खेल है आज के दौर में कहीं ना कहीं हमें मॉडर्न खेलों के साथ-साथ पारंपरिक खेलों को भी विद्यालय स्तर पर बढ़ावा देना होगा अपितु बच्चों तक इसे पहुंचाना होगा कार्यशाला में उपस्थित डॉ मंजुल मठवाल, असलम खान हेमलता जोशी, दीप्ति ,गौरव आदि शिक्षकों ने सहयोग किया।