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वीर सपूत शहीद सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू को सलाम, जयकारों से गूंजा कुमाऊं का द्वार


वीर सपूत शहीद सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू को सलाम, जयकारों से गूंजा कुमाऊं का द्वार

हल्द्वानी: कुमाऊं के द्वार हल्द्वानी के इतिहास में एक नाम और अमर हो गया है। देश के लिए अपने प्राण निछावर करने वाले शहीद यमुना प्रसाद पनेरू को हल्द्वानी ने नम आंखों से विदाई दी। वो केवल भारतीय सेना के जवान ही नहीं थे बल्कि एक कुशल पर्वतारोही भी थे। जिन्होंने हाल ही में एवरेस्ट की चोटी को फतह की थी। शहीद सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू का रविवार को चित्रशिला घाट हल्द्वानी में राज्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान खाई में गिरकर शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शहीर शनिवार को हल्द्वानी पहुंचा था और रविवार सुबह शहीद के निवास गोरापड़ाव अंतिम दर्शन के लिए ले जाया गया। उन्हें सलामी देने के लिए सैकड़ों की तादात में लोग पहुंचे थे।

गोरापड़ाव निवासी 38 वर्षीय यमुना दत्त पनेरू छह कुमाऊं रेजीमेंट में सूबेदार थे और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। गुरुवार की सुबह कुपवाड़ा सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान वो खाई में गिर गई और उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को उनका पोस्टमार्टम कराया गया। शुक्रवार सुबह सेना का हेलीकॉप्टर देह लेकर दोपहर करीब डेढ़ बजे बरेली लाया गया। वहां से दूसरे हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी लाया गया। जहां स्टेशन कमांडर कर्नल अमित मोहन, एडम कमांडेंट ले. कर्नल विजय आनंद जोशी, ले कर्नल विकास कुमावत, मेजर साधना बाबा, मेजर राम विनोद सिंह व मेजर जहीर खान ने हवलदार के देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए। इसके बाद 10 जेसीओ व 30 जवानों की टुकड़ी ने शोक सलामी दी थी।

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चित्रशिला घाट में कैबि‍नेट मंत्री यशपाल आर्य ने पुष्पचक्र अर्पित कर जवान को सलामी दी। वह अपने पीछे बेटे यश (07 साल ) और 05 साल की बेटी साक्षी, पत्नी, मां महेश्वरी देवी, बड़े भाई चंद्र प्रकाश पनेरू, छोटे भाई भुवन और भाभी सहित भतीजे -भतीजी आदि को छोड़ गए हैं। इस घटना के बाद हल्द्वानी और उनके मूल निवास ओखलकांडा ब्लाक के पदमपुर मीडार मातम छा गया है।

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