हल्द्वानी: क्रिकेट के मैदान से हल्द्वानी के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। केंद्रीय विद्यालय स्कूल की 9वीं की छात्रा मीनाक्षी जोशी उत्तराखण्ड महिला अंडर-23 टीम में जगह बनाने में कामयाब हुई हैं। मीनाक्षी के अलावा नैनीताल जिले की कंचन परिहार, ज्योति गिरी और लक्ष्मी बसेड़ा भी इस सूची में शामिल हैं।
तेज़ गेंदबाज मीनाक्षी जिले में उन खिलाड़ियों में शुमार हैं जो हर टूर्नामेंट में अपनी छवि छोड़ने में कामयाब रहती है। तेज गेंदबाज मीनाक्षी पिछले साल उत्तराखण्ड अंडर-19 टीम में भी शामिल हुई थी। मूल रूप से देवीधुरा रहने वाली मीनाक्षी ने 9 साल की छोटी उम्र में भी ठान लिया था कि उसे क्रिकेटर बनना है।
मीनाक्षी के पिता का नाम त्रिलोचन जोशी है। वहीं माता का नाम सरोज जोशी है। पिता फौज से रिटायर है तो देश सेवा की भावना बचपन से ही दिल में बसी हुई थी। मिनाक्षी बताती है कि खेलकूद का बचपन से शौक था। भाई स्कूल की ओर क्रिकेट खेलता था उसे देखते-देखते उसने भी क्रिकेट सिखने के लिए भाई से कहा। बहन को आगे बढ़ता देख भाई कैसे मना करता तो उसने अपनी बहन के सपने को अपना बना दिया। जैसे-जैसे मिनाक्षी बढ़ी होती गई इस सपने और अभ्यास को केवल भारतीय टीम की नीली जर्सी दिखाई देने लगी।
मीनाक्षी कहती है कि पापा-मम्मी ने आजतक कभी मुझे क्रिकेट खेलने से ही रोका। आज मैं क्रिकेटर बनने का सपना देख रही हूं तो मेरे मम्मी -पापा के वजह से ही मुमकिन हुआ है वो बोलती है कि मम्मी ने तो साफ कह दिया है कि तू क्रिकेट खेलना कभी मत छोड़ना। मीनाक्षी सचिन तेंदुलकर, मिताली राज और झूलन गोस्वामी को अपना आदर्श मानती हैं।