हल्द्वानी: पहाड़ी संस्कृति को आगें बढ़ाने के लिए उत्तराखण्ड का पुलिस विभाग भी अपना सहयोग देगा। इसी क्रम में अब पुलिस मेस में कुमाऊंनी व गढ़वाली व्यंजन बनेंगे। इस बारे में डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इस पोस्ट को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि हफ्ते में एक बार मेस में पहाड़ी भोजन बनेगा। इस बारे में नैनीताल एसएसपी ने कहा कि इस प्रकार के आदेश के बाद थानों में भी लागू कराया जाएगा।
डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने प्रदेश पुलिस के लिए एक पत्र जारी कर मेस में पहाड़ी व्यंजन परोसने के लिए निर्देश दिए हैं। पुलिस के आला अधिकारियों को भी यह व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके तहत सप्ताह में एक दिन भट्ट के डुबके, चुड़कानी, मडुवे की रोटी, पालक,सब्जी, मक्के की रोटी, छाछ, झिंगोरे, खीर, ककड़ी का रायता, ज्वार, चौलाई, तिल, गहत की दाल, राजमा, उड़द, आदि से बने व्यंजन खाने को मिलेंगे।
डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि पहाड़ी भोजन सेहत के लिए काफी लाभदायक है और इससे जवानों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। हालांकि जिले के अधिकारियों को यह आदेश नहीं मिला है। एसएसपी एस के मीणा का कहना है की उच्चाधिकारियों का आदेश मिलने के बाद थानों के मेस में भी यह नियम लागू किया जाएगा।
इस नियम के लागू होने के बाद सबसे ज्यादा पहाड़ के व्यापारियों को होगा। पहाड़ की दालों की खपट अपने ही प्रदेश में होने लगेगी। इसके अलावा दूसरे राज्य से आने वाले अधिकारियों को भी पहाड़ के भोजन के बारे में पता चलेगा।