हल्द्वानी: कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अधिकतर केस में जमाती कनेक्शन सामने आ रहा है लेकिन इसे धर्म से जोड़ देना बिल्कुल गलता है। कुछ हिस्सों में ऐसा हो रहा है, जहां एक दूसरे के समुदायों को टार्गेट बनाया जा रहा है। एक वीडियो हल्द्वानी से सामने आया है। एफटीआइ तिराहे पर फलों की दुकान जावेद नाम के युवक द्वारा लगई थी। कुछ लोगों ने युवक जावेद को पहचान पूछकर दुकान हटाने को कहा।
I got longer version of this video, this happened in Haldwani, Uttarakhand.
These people asked a Muslim vendor to shut down his shop, they are checking people’s ID card.
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। वीडियो में आरोपी यह भी कहते सुने जा रहे हैं कि अगर दूसरे समुदाय का कोई व्यक्ति ठेला या दुकान लगाता है तो उन्हें फोन कर उसकी सूचना दें। वह जावेद से कह रहे थे कि कोरोना वायरस के मामले थमने तक वह दुकान ना लगे। जावेद के ही बगल में फल बेच रहे दूसरे दुकानदार से उन्होंने इसी वीडियो में कहा कि उन्हें दुकान बंद करने की जरूरत नहीं। यह घटना हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र को कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर 72 घंटे के लिए सील करने के फैसले के बाद सामने आई। पुलिस ने इस मामलों को गंभीरता से लिया है और 6 आरोपियों के खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस प्रशासन की ओर से साफ किया गया है कि इस तरह की गतिविधियों को बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। ये वक्त एक दूसरे को सहयोग कर बीमारी को मात देने का है और इस तरह की गतिविधियां माहौल को खराब कर सकती हैं।
बता दें कि इंडियन पीनल कोड (भारतीय दंड संहिता) की धारा 188 तब लागू की जाती है जब जिले के लोक सेवक (पब्लिक सर्वेंट) जो कि एक आईएएस अफसर होता है, उसके द्वारा लागू विधान का उल्लंघन किया जाता है। ये सरकारी आदेश के पालन में बाधा और अवज्ञा के तहत आता है. जब प्रशासन की ओर से लागू किसी ऐसे नियम जिसमें जनता का हित छुपा होता है, कोई इसकी अवमानना करता है तो प्रशासन उस पर धारा 188 के तहत कार्रवाई कर सकता है।
ताजा जानकारी की मानें तो हल्द्वानी के इस मामले में पुलिस ने आरोपियों की पहचान की और उन्हें भविष्य में इस तरह की घटना से बाज आने की चेतावनी दी साथ ही धारा 41 का नोटिस भी थमा दिया।