अनलॉक को लेकर जारी हुए गाइडलाइन के आधार पर नैनीताल जिला प्रशासन ने व्यवस्था बना ली है। फिलहाल नैनीताल जिला रेड ज़ोन में ही रहेगा और दुकाने 12 की जगह 9 घंटे के लिए ही खुलेंगी। इस बारे में कुछ देर पहले डीएम सविन बंसल ने अपडेट दिया है। डीएम बंसल ने बताया कि जिला नैनीताल वर्तमान मे रेड जोन में है जिसको दृष्टिगत रखते हुये जनपद नैनीताल के सभी धार्मिक स्थल, बाजार, माॅल,व्यवसायिक प्रतिष्ठान पूर्व की भांति प्रातः 7 बजे से सांय 4 बजे के मध्य ही खोले जायेंगे। उन्होने जनपद वासियों, व्यवसायियों, धार्मिक गुरुओं से अपील की है कि अग्रिम व्यवस्था तक प्रातः 7 से सायं 4 बजे के मध्य ही कार्य करते हुये प्रशासन को सहयोग प्रदान करें। बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन सामने आने के बाद राज्य के जिलों में जोन सिस्टम को खत्म कर दिया गया है लेकिन डीएम के आदेश के बाद साफ हो गया है कि नैनीताल रेड ज़ोन में ही रहेगा।
सविन बंसल ने बताया है कि मुख्य सचिव के प्राप्त आदेशों के क्रम मे जनपद नैनीताल में होटल रेस्ट्रो, तथा धार्मिक स्थल शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार खोले जायेंगे। उन्होने बताया कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने केन्द्र के दिशा निर्देशों के अनुसार जनपद के सभी होटल, सेवा क्षेत्र, रैस्टोरेंट, शापिंग माॅल, धार्मिक स्थल और पूजा घरों को खोलने की गाइड लाइन जारी की है। सभी पूजा घरों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों मे थर्मल स्केनिंग, सेनिटाइजेशन अनिवार्य रूप से किया जायेगा, स्टाफ तथा ग्राहक सभी अनिवार्य रूप से मास्क लगायेंगे, सभी टच पाइंटों को विशेष रूप से साफ किया जायेगा। जनपद में जिम,बार, सिनेमाहाल, कोचिंग सेन्टर, मनोरंजन पार्क, विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थायें पूर्णतया बन्द रहेंगे।
डीएम बंसल ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के बीच अब धीरे-धीरे जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है इसको दृष्टिगत रखते हुये धार्मिक स्थलोें मे पूजा अर्चना के लिए छूट दे दी गई है। उन्होने बताया कि पूजा स्थलों को अनिवार्य रूप से सेनिटाइज किया जाए तथा भक्तों एवं दर्शनार्थियों को धार्मिक स्थलोें मे समूह मे प्रवेश ना कराकर कम से कम लोगों को सोशल डिस्टैसिंग के आधार पर प्रवेश कराया जाए, धार्मिक स्थलों मे आने वाले सभी लोगोें को सामाजिक दूरी के नियम का भी अनुपालन कराया जाए, इसी प्रकार सभी रेस्टोरेंट एवं माॅल मे यह व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा आवश्यकतानुसार ग्राहकों एवं दर्शनार्थियों के बीच टोकन व्यवस्था भी बनाई जाए।